बीवी-के-नाम-खूबसूरत-सा-पैगाम-एक-बार-जरूर-पढें

जो लोग अपनी शरीक ए हयात को लेकर संजीदा नहीं रहते या लापरवाही बरतते हैं, वो इस पैगाम को एक बार जरूर पढ ले। पाकिस्तान के एक बुजुर्ग शख्स ने खूबसूरत सा पैगाम लिखा है जो फेसबुक पर वायरल हो चुका है। ह्यूमंस ऑफ पाकिस्तान के फेसबुक पेज पर इस पोस्ट को 11 हजार से ज़्यादा लोग शेयर कर चुके हैं।

जिस बुज़ुर्ग शख्स ने ये लिखा है, उनकी शरीक ए हयात खतरनाक बीमारी से मुतास्सिर थी, जिन्हें बहुत कोशिशों के बाद बचाया नहीं जा सका। बुज़ुर्ग शख्स का यही पैगाम है कि बीवी की अनदेखी नहीं करें, उनकी अहमियत का अहसास तभी होता है जब वो नहीं रहतीं।

और फिर पछताने के सिवा और कुछ नहीं रहता। वे लिखते हैं, “जब हम साथ थे तब मुझे कभी भी इसका अंदाजा नहीं हुआ कि वो मेरे लिए इतनी अहमियत रखती है लेकिन उसकी मौत ने मेरी दुनिया उजाड़ दी। मैं उससे इतना प्यार करता था कि हमारे बीच कभी भी किसी बात को लेकर तनाव या झगडा नहीं हुआ।”

पैगाम में आगे कहा गया है- कुरआन में भी ये कहा गया है कि खानदान की परवरिश की जि़म्मेदारी मर्द की होती है। पैगंबर हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम भी यही कहते हैं कि अगर कोई खातून पैसे कमाती है और उसे अपने बच्चों पर खर्च करती है तो वो बच्चों पर किया गया इंसानी प्यार है। अगर वो अपने बच्चों को खाना खिलाती है तो अपने शौहर से इसकी कीमत मांग सकती है क्योंकि वो उसके बच्चे का ख्याल रख रही है। फिर किस बुनियाद पर मर्दों को लगता है कि वे औरतों के साथ बुरा बर्ताव कर सकते हैं।”