बीवी से हफ्ता मांगने पर शौहर गिरफ्तार

मुंबई में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। क्राइम ब्रांच ने हैदराबाद के एक बिजनेसमैन को 3 करोड़ रुपये की हफ्ता वसूली के मामले में गिरफ्तार किया है जो उसने अपनी बीवी से ही मांगे थे। सलाउद्दीन खान नाम के इस शख्स को मंगल के रोज़ किला कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे 10 फरवरी तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है।

क्राइम ब्रांच के ज़राये का कहना है कि जिस सलाउद्दीन ने खातून से साल 2011 में दूसरी शादी की थी। खातून की भी यह दूसरी शादी ही थी। दरअसल, खातून एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में कभी काम करती थी। उसकी पहली शादी साल 2004 में हुई। उसके पहले शौहर से एक बच्चा भी हुआ।

खातून का पहला शौहर लावासा में काम करता था और अक्सर मुंबई से बाहर चार से पांच दिन रहता था, जिसकी वजह से दोनों में दूरियां इतनी बढ़ गईं कि फिर दोनों अलग-अलग ही रहने लगे। इस बीच इस खातून की सलाउद्दीन से मुंबई के एक होटेल में करीब तीन साल पहले जान पहचान हुई। वहां से दोनों के बीच अफेयर शुरू हुआ और सलाउद्दीन ने खातून से मुस्लिम लॉ के मुताबिक, साल 2011 में दूसरी शादी कर ली।

ज़राये का कहना है कि खातून को सलाउद्दीन की पहली शादी का पता तो था, लेकिन उसे यह पता नहीं था कि सलाउद्दीन का पहली बीवी से बच्चा भी है। इसी वजह से सलाउद्ददीन पर केस करने वाली खातून का उससे झगड़ा शुरू हो गया। खातून का इल्ज़ाम है कि सलाउद्दीन खातून से तीन करोड़ रुपये का हफ्ता मांग रहा था।

साथ ही यह धमकी दे रहा था कि पैसे नहीं देने पर वह खातून के साथ बनाए करीबी रिश्तों के विडियो सोशल मीडिया में लीक कर देगा।

इसके बाद खातून ने कोलाबा पुलिस स्टेशन में आईपीसी के सेक्शन 387, 354 ए, 323 और 506 के तहत मामला दर्ज किया। क्राइम ब्रांच यूनिट दो के इंस्पेक्टर भास्कर कदम और हृदय मिश्रा की टीम ने जांच शुरू की। इसी सिलसिले में क्राइम ब्रांच की टीम हैदराबाद गई और वहां से मुल्ज़िम को गिरफ्तार कर उसे मुंबई ले आई।

लेकिन मुल्ज़िम सलाउद्दीन खान के वकील अजय दुबे ने कहा कि उनके मुवक्किल को इस केस में फंसाया गया है।

दुबे के मुताबिक , सलाउद्दीन ने जो 3 करोड़ रुपये मांगे, वह उसके ही थे। दुबे ने कोर्ट में इस बात के सबूत भी दिए कि सलाउद्दीन ने किन-किन तारीखों में ये रकम एफआईआर कराने वाली खातून के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की। दुबे ने करीबी रिश्तों की फोटो लीक करने की धमकी देने वाले खातून के इल्ज़ाम को भी सिरे से खारिज कर दिया।

उन्होंने कोर्ट से कहा कि यह केस ज़्यादा से ज़्यादा 498 ए का बनता है, यानी हरासमेंट का। लेकिन अदालत ने पुलिस के रिमांड की गुजारिश को कुबूल कर लिया और सलाउद्दीन को एक हफ्ते की पुलिस कस्टडी में भेज दिया। शिकायतगुजार खातून का पुलिस ने सीआरपीसी के सेक्शन 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने बयान लेने का भी फैसला किया है।