बी एस एफ़ मेला में बंगलादेशी मसनूआत की नुमाइश-ओ-फ़रोख्त

नीम फ़ौजी दस्ते बी एस एफ़ की जानिब से सालाना मेले के करने पर दिल्ली के बाशिंदों को बंगलादेशी दस्ती मसनूआत, मलबूसात और चमड़े से तैयार की गईं एक से बढ़ कर एक नादिर मसनूआत के देखने का मौक़ा मिलेगा।

पहली बार ऐसा होरहा है कि मेला में इस मुल्क को नुमाइंदगी दी जा रही है, दोनों ममालिक से ताल्लुक़ रखने वाली वाईओज़ वेल्फिय‌र एसोसीएश‌ण की जानिब से तीन रोज़ तक मुख़्तलिफ़ स्टालस क़ायम किए जाऐंगे जिस का सिलसिला 8 ता 10 नवंबर जारी रहेगा।

मेला का एहतिमाम सी जी औज़ काम्पलेक्स के साम्ने किया गया है। बी एस एफ़ मेला में पहली बार बंगलादेश की शमानतोपरीबार कल्याण समीती (SHIPKS) को नुमाइंदगी दी गई है जिस का ताल्लुक़ बॉर्डर गार्ड बंगलादेश से है। ये पहला मौक़ा है कि SHIPKS अपनी मसनूआत को मेला में नुमाइश केलिए पेश करेगा।

बी एस एफ़ के एक ओहदेदार ने बताया कि इस मेले में शिरकत से दोनों ममालिक के ख़ैरसगाली और दोस्ताना ताल्लुक़ात मज़ीद मजबूत‌ होंगे। तीन दिनों तक हिंद-बंगला सर्हद पर बी एस एफ़ और बी जी बी के अहलकार निगरानी के लिए तैनात रहेंगे।

वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह की अहलिया गुरशरण कौर इस मेला का इफ़्तिताह(उदघाटन) करेंगी जिस में दीगर मसनूआत के इलावा खाने पीने की अशिया भी फ़रोख्त की जाएंगी। बंगलादेश में भी मुर्ग़न ग़ज़ाओं के इस्तिमाल का चलन है और उम्मीद है कि इस मसला के ज़रिया हिंदुस्तानी शहरियों को (ख़ुसूसी तौर पर दिल्ली के बाशिंदों) को बंगलादेशी पकवानों से लुत्फ़ अंदोज़ होने का मौक़ा मिलेगा।