बी जे पी और आर एस एस पर फ़िर्कावाराना कशीदगी फैलाने का इल्ज़ाम

ये दावा करते हुए कि जब से बी जे पी बरसर-ए-इक़तिदार आई है, बी जे पी, आर एस एस और उन से उल-हाक़ रखने वाली दुसरी तंज़ीमों ने मुल्क गीर सतह पर फ़िर्कावाराना कशीदगी फैलाना शुरू करदी है, बहुजन समाज पार्टी की सदर मायावती ने कहा कि ये दस्तूर हिंद में मज़कूरा सैकूलर ज़म और जमहूरीयत के बुनियादी उसोल के लिए कोई अच्छी अलामत नहीं है।

उन्होंने कहा कि चूँकि अवाम दुश्मन, सरमायादार हामी और फ़िकर्परस्त बी जे पी बरसर-ए-इक़तिदार आचुकी है, मुल्क का सेकूलर ताना बाना बड़ी हद तक बिखरने लगा है।

उन्होने कहा कि आप को बी जे पी, आर एस एस और उनकी ज़िमनी तंज़ीमों से ख़बरदार रहना चाहीए, क्युंकि वो फ़िर्कावारीयत में इज़ाफ़ा करते हैं और पूरे मुल्क में फ़िर्कावाराना हम आहंगी को मुतास्सिर करते हैं।

वो पार्टी क़ाइदीन और कारकुनों के क़ौमी कनवेनशन से ख़िताब कररही थीं। उन्होंने कहा कि ये सूरत-ए-हाल दस्तूर हिंद में दर्ज सेकूलर ज़म के मुक़द्दस और बुनियादी उसोल के इस्तिहकाम के लिए कोई अच्छी अलामत नहीं है।

उन्होंने उत्तरप्रदेश हुकूमत पर तन्क़ीद करते हुए कहा कि नज़म-ओ-ज़बत की सूरते हाल समाजवादी पार्टी दोरे हुकूमत में बद से बदतर होती जा रही है।

उन्होंने अपने पार्टी कारकुनों को हिदायत दी कि वो झारखंड, जम्मू-ओ-कश्मीर, महाराष्ट्रा और हरियाणा के आइन्दा असेंबली चुनाव की तैयारी करें और इस बात के लिए कोशिश करें कि इन रियासतों में भी बहुजन समाज पार्टी की मौजूदगी का एहसास दिलाया जाये।

उन्होंने कहा कि हालिया सियासी सूरते हाल में वक़्त का तक़ाज़ा है कि बी एस पी को मुस्तहकम किया जाये। मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी को बरसर-ए-इक़तिदार आना ही चाहीए ताके मुल्क को तरक़्क़ी की राह पर आगे बढ़ाया जा सके।

उन्होंने कहा कि मौजूदा सियासी सूरते हाल में एसा मालूम होता हैके मुल्क आगे बढ़ने की बजाये पीछे जा रहा है। उसे हुक्मरानी के लिए बरसर-ए-इक़तिदार लाया जाये।