अपोज़ीशन कांग्रेस ने आज बी जे पी का मज़हका उड़ाते हुए कहा कि हाल ही में साबरमती रीवर फ्रंट का दौरा करने वाले एक पाकिस्तानी वफ़द का प्रोग्राम दरअसल वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी के एक प्रोग्राम का हिस्सा है, कांग्रेस लीडर शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि ऐसा मालूम होता है कि ज़ाफ़रानी पार्टी ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अपने मौक़िफ़ को तबदील करलिया है।
अपोज़ीशन का कहना है कि यू पी ए के दौर-ए-हकूमत में बी जे पी इस पर हमेशा ये तन्क़ीद क्या करती थी कि 26/11 के मुल्ज़िम अजमल क़स्साब को बिरयानी पेश की जा रही है। जब पाकिस्तानी अफ़्वाज ने दो हिंदुस्तानी फ़ौजियों के सर क़लम कर दिए थे उस वक़्त बी जे पी ने ऐलान किया था कि वो दस पाकिस्तानी फ़ौजियों के सर क़लम करदेगी। हैरत अंगेज़ बात ये है कि अब बी जे पी मर्कज़ में बरसर-ए-इक्तदार है और मज़ीद हैरत अंगेज़ बात ये है कि पार्टी के इक़तिदार पर आने के बाद ही पाकिस्तान की जानिब से जंग बंदी की ख़िलाफ़वरज़ी के वाक़ियात में इज़ाफ़ा हुआ है जिस से बी जे पी के दोग़ले पन का इज़हार होता है।
शंकर सिंह वाघेला ने साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म अटल बिहारी वाजपाई की क़ियादत वाली हुकूमत को ढके छिपे अंदाज़ में हदफ़ तन्क़ीद बनाते हुए कहा कि जब बी जे पी की क़ियादत वाली एन डी ए बरसर-ए-इक्तदार थी उस वक़्त पाकिस्तान के साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म को हिंदुस्तान के दौरा के लिए मदऊ किया गया था जिस का नतीजा कारगिल जंग की सूरत में सामने आया।
उन्होंने रीवर फ्रंट प्रोजेक्ट के लिए बी जे पी की रियासती हुकूमत के सर सहरा बांधे जाने की भी मुज़म्मत की और वाज़िह किया कि जब रीवर फ्रंट का फ़ैसला उस वक़्त किया गया था जब अहमदाबाद म्यूनसिंपल कारपोरेशन में कांग्रेस बरसर-ए-इक्तदार थी। इस प्रोजेक्ट को बी जे पी ने सिर्फ़ आगे बढ़ाया है जबकि फ़ैसला कांग्रेस के दौर में किया जा चुका है। शंकर सिंह वाघेला ने इल्ज़ाम आइद किया कि बी जे पी ने इस के इलावा कांग्रेस के दीगर दो प्रोग्राम्स का सहरा भी अपने सर बांध लिया है।