बी जे पी में अडवानी का मोक़िफ़

बी जे पी में दाख़िली इंतिशार पार्टी को फूट का शिकार बना सकती है। कल तक क़ाइदाना सलाहीयतों का दावा करते हुए राम मंदिर के नाम पर अवाम के मज़हबी जज़बात की राह पर अपनी रथ यात्रा दौड़ाने वाले अडवानी को आज इस यात्रा की वजह से पार्टी में नंबर दो का पोज़ीशन मिल रहा है। चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी ने अडवानी की यात्रा पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए क़ौमी आमिला इजलास में शिरकत नहीं की अगरचे के इस अदम शिरकत को दीगर वजूहात का नाम दिया जा रहा है। मगर असल ख़लफ़िशार अडवानी का पार्टी में साबिक़ मौक़िफ़ पर क़ायम रहने की ज़द है। सदर पार्टी नतन गडकरी ने बज़ाहिर अडवानी की रथ यात्रा को पूरी पार्टी की हिमायत का ऐलान किया है अडवानी के ख़िलाफ़ मोदी की नाराज़गी की एक वजह वज़ारत-ए-उज़मा के लिए उन की ग़ैर मालना दावेदारी है। पार्टी के बाअज़ क़ाइदीन मोदी को वज़ारत अज़मी की दौड़ से दूर रखने के लिए अडवानी का साथ देना चाहते हैं। या उन के बहाने अपनी दावेदारी की राह हमवार करने की कोशिश कररहे हैं इस से क़ौमी सतह पर पार्टी का मौक़िफ़ कमज़ोर होसकता है। बाबरी मस्जिद शहादत से क़बल एवधया के लिए रथ यात्रा निकालने के लिए । इस मर्तबा रिश्वत के ख़िलाफ़ गुजरात से रथ यात्रा निकाली जाने वाली थी लेकिन मोदी की नाराज़गी के बाइस अब अडवानी अपनी यात्रा बिहार के सीता बरीया ए से यात्रा निकालेंगी। पार्टी में पैदा होरही नाराज़गियों की एक और वजह अडवानी का अचानक दौरा नागपुर और आर ऐस ऐस सरबराह मोहन भागवत से मुलाक़ात है। अडवानी ने अपनी मुजव्वज़ा यात्रा के लिए मोहन भागवत से आशीर्वाद लेते हुए वज़ारत अज़मी की दौड़ में शामिल दीगर बी जे पी क़ाइदीन पर ग़ालिब आने की कोशिश की। मगर अडवानी बज़ाहिर वज़ारत-ए-उज़मा की दौड़ में शामिल ना होने का इद्दिआ कररहे हैं सवाल ये उठाया जा रहा है कि अगर वो वज़ारत अज़मी की दौड़ में शामिल नहीं हैं तो उन्हों ने आर ऐस ऐस सरबराह के सामने तफ़सीली वज़ाहत क्यों पेश की। इस लिए मोदी अपनी राह में हाइल अडवानी की रथ यात्रा पर नाराज़ हैं। दोनों क़ाइदीन के दरमयान इख़तिलाफ़ात पार्टी को फूट से दो-चार करदेंगे और एक अप्पोज़ीशन पार्टी अपना घर सुधारने के बजाय बिगाड़ने की ग़लती से दो-चार होगी