बी जे पी – सेना तनाज़े के ख़ुद ब ख़ुद हल होजाने की तवक़्क़ो

विज़ारते इत्तेलाआत-ओ-नशरियात को तब्दील शूदा मालूमाती तरीका-ए-कार का जायज़ा लेना ज़रूरी:अरूण जेटली

बी जे पी – शिवसेना ताल्लुक़ात 12 नवंबर से पहले जबकि महाराष्ट्र के चीफ़ मिनिस्टर ख़त‍- ए‍- एतेमाद हासिल करेंगे, तात्तुल का शिकार होगए हैं। मर्कज़ी वज़ीरे फाइनेंस‌ अरूण जेटली ने आज कहा कि शिवसेना का मसला ख़ुद ब ख़ुद हल होजाएगा। उन्होंने कहा कि बाज़ मसाइल ख़ुद ब ख़ुद हल होजाते हैं।

कल शिवसेना ने वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी ज़ेर-ए-क़ियादत मर्कज़ी मजलिस वुज़रा की तौसीअ का बाईकॉट किया था, मुबय्यना तौर पर शिवसेना इस के क़ाइद अनील देसाई को काबीना में वज़ीर-ए-ममलकत रुतबा का ओहदा देने पर नाराज़ है। शिवसेना के सदर उद्धव ठाकरे ने मुबय्यना तौर पर अनील देसाई को दिल्ली से मुंबई वापिस तल्ब करलिया था और सुरेश प्रभु को मर्कज़ी काबीना में काबीनी वज़ीर का रुतबा देने पर भी एतराज़ किया था।

महाराष्ट्र के असेम्बली इंतेख़ाबात से क़ब्ल शिवसेना ने अपनी क़दीम हलीफ़ बी जे पी से तर्क-ए-ताल्लुक़ करलिया था। अरूण जेटली ने मर्कज़ी विज़ारते इत्तेलाआत-ओ-नशरियात पर एक तवील अर्से के बाद तबसेरा करते हुए कहा कि ज़राए इब्लाग़ के दाइरा-ए-कार में ज़बरदस्त तौसीअ होचुकी है और विज़ारत को चाहिए कि मालूमात के तरीका-ए-कार के तब्दील शूदा मंज़र नामा का जायज़ा ले।

अपने साबिक़ तबसेरा का इआदा करते हुए अरूण जेटली ने कहा कि ज़राए इब्लाग़ के दायरा अमल में फ़ौरी तौर पर तौसीअ की जानी चाहिए। रेडीयो की तरक़्क़ी और डीजीटल मीडियम के फ़रोग़ में नए मंज़र नामे का बहुत बड़ा हिस्सा है। उन्होंने कहा कि एक दौर‌ वो भी था जबकि विज़ारत का ज़्यादा तर काम दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडीयो तक महिदूद था।

बेशक ये अब भी बड़े शोबे हैं लेकिन मालूमात तरीका-ए-कार के मंज़र नामे में बहुत ज़्यादा तबदीली आचुकी है। विज़ारत को इस का जायज़ा लेना चाहिए। राज्य वर्धन सिंह राठौड़ हाल ही में वज़ीर‍- ए‍- इत्तेलात-ओ-नशरियात के क़लमदान का जायज़ा हासिल करचुके हैं। उन्होंने कहा कि हुकूमत और ज़राए इब्लाग़ के दरमियान तरसील का अलमिया पाया जाता है।

एक तरफ़ा मुवासलात जारी हैं। उन्होंने कहा कि मेरे ख़्याल में इंतेहाई अहम बात ये है कि हुकूमत फ़ौरी तौर पर अहम इक़दामात करने से गुरेज़ कररही है, क्योंकि इस से ख़ुद इख़तियारी और क़ौमी वक़ार-ओ-सलामती को ख़तरा पैदा होने का शोर मचाया जाएगा जिस से मुल्क की मईशत भी मुतास्सिर होने का अंदेशा है। अरूण जेटली और वो ख़ुद क़ब्लअज़ीं इस विज़ारत में वज़ीर-ए-ममलकत रह चुके हैं और उन की कोशिश होगी कि किसी भी किस्म के रवाबित के लिए वो हरवक़्त‌ अवाम को दस्तियाब रहें।