बी जे पी से इख़राज के बाद कर्नाटक के वज़ीर बरतरफ़

बैंगलौर 28 मार्च (पी टी आई) कर्नाटक के वज़ीर एक्साइज़ एम पी रेनूका आचार्य को बी जे पी से निकाल दिए जाने के बाद दूसरा सब से बड़ा झटका ये लगा कि चीफ़ मिनिस्टर जगदीश शिटर ने आज उन्हें रियास्ती क़ाइदीन के ख़िलाफ़ मुसलसल बदकलामी और बयानबाज़ी की पादाश में काबीना से बरतरफ़ कर दिया।

चीफ़ मिनिस्टर ने गवर्नर ऐच आर भ्रदवाज से दरख़ास्त की है कि वो एम पी रेनूका आचार्य को फ़ौरी असर के साथ वज़ारत से निकाल दें। राज भवन के आलामीया में बताया गया कि गवर्नर ने चीफ़ मिनिस्टर की दरख़ास्त को क़बूल करते हुए उन्हें बरतरफ़ कर दिया। चीफ़ मिनिस्टर ने सिफ़ारिश की थी कि रेनूका आचार्य को बरतरफ़ किया जाये।

रियास्ती बी जे पी के सदर का जायज़ा लेने के बाद पार्टी में डिसिप्लिन शिकनी के ख़िलाफ़ अपनी पहली कार्रवाई करते हुए प्रहलाद जोशी ने मुख़ालिफ़ पार्टी सरगर्मीयों पर उन्हें पार्टी से ख़ारिज कर दिया। जोशी ने इल्ज़ाम आइद किया कि मिस्टर आचार्य जो साबिक़ चीफ़ मिनिस्टर यदि यूरप्पा के क़रीबी साथी हैं, रियास्ती क़ाइदीन से मुताल्लिक़ लापरवाही से बयानात दे रहे हैं।

इससे पार्टी की शबीहा मुतास्सिर होरही थी। रियास्ती क़ाइदीन के ख़िलाफ़ बरसर-ए-आम बयानबाज़ी के बाद उन्होंने साबिक़ चीफ़ मिनिस्टर डी वी सदानंद गौड़ को भी नहीं बख्शा जिन पर उन्होंने रिश्वत सतानी का इल्ज़ाम आइद किया है। रेनूका आचार्य ये के बयानात को पार्टी डिसिप्लिन शिकनी की वाज़िह ख़िलाफ़वरज़ी और मुख़ालिफ़ पार्टी सरगर्मी क़रार देते हुए जोशी ने 6 साल के लिए उन्हें पार्टी से ख़ारिज कर दिया।

रेनूका आचार्य ने वाज़िह कर दिया कि उनकी वफ़ादारी यदि यूरप्पा के साथ है और रहेगी जिन्होंने हाल ही में कर्नाटक जनता पक्शा पार्टी क़ायम की है। गुज़िश्ता साल वही जे पी से दूर होगए थे। पार्टी से इख़राज के बाद इमकान है कि रेनूका आचार्य यदि यूरप्पा की पार्टी में शामिल होजाएंगे।

बी जे पी के अंदर इस तरह की सरगर्मीयां 5 मई को मुक़र्ररा असेम्बली इंतेख़ाबात से क़बल तेज़ी से बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में हुक्मराँ पार्टी बी जे पी नाज़ुक सूरत-ए-हाल से दो-चार है। उसे पार्टी के अंदर कई मुख़ालफ़तों का सामना है। ख़ासकर उस वक़्त जब वो पार्टी उम्मीदवारों की फ़हरिस्त को क़तईयत देने जा रही है।

साबिक़ चीफ़ मिनिस्टर यदि यूरप्पा ने इक़तिदार के हुसूल की ख़ातिर पार्टी से अलैहदगी इख़तियार की थी। कर्नाटक में दाख़िली तौर पर कमज़ोर बी जे पी को हालिया पंचायत इंतेख़ाबात में हज़ीमत का सामना करना पड़ा है। सियासी मुबस्सिरीन ने यदि यूरप्पा की बी जे पी से अलैहदगी को पार्टी के लिए सब से बड़ा धक्का क़रार दिया।

आने वाले असेम्बली इंतिख़ाबात में कांग्रेस को सबक़त हासिल होने और जनतादल (ऐस) को दूसरा मुक़ाम मिलने की क़ियास आराई की जा रही है।