नाराज़ बी जे पी क़ाइद बी एस येदि यूरप्पा का मौक़िफ़ मुम्किन है कि सी बी आई के धावों के बाद कमज़ोर हो गया हो, लेकिन पार्टी की आला सतही क़ियादत कोई ख़तरा मोल लेने तैयार नहीं और पार्टी में इत्तेहाद ( एकता) बरक़रार रखने के लिए उन की हनूज़ ( अभी तक) ख़ुशामद कर रही है।
ऐसा मालूम होता है कि येदि यूरप्पा ने कर्नाटक और मर्कज़ ( केंद्र) में बी जे पी की क़ियादत को चैलेंज किया है और आज बैंगलौर में अपने नए दफ़्तर का इफ़्तेताह (opening/उद्वघाटन) किया।
ताहम बी जे पी की मर्कज़ी क़ियादत इस मसला की एहमीयत कम करने की कोशिश करते हुए कह रही है कि उसे पार्टी के ख़िलाफ़ कोई नया इक़दाम (नये काम का) तसव्वुर (ख्याल) नहीं किया जाएगा। बी जे पी के तर्जुमान शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि येदि यूरप्पा और दीगर ( दूसरे) क़ाइदीन को अलहैदा ( अलग अलग) दफ़ातिर ( दफ्तरें) क़ायम करने का हक़ है।
उन्होंने कहा कि अगर में भी अपने तौर पर अपने मकान पर एक दफ़्तर क़ायम कर लूं जहां प्रेस कान्फ्रेंसें मुनाक़िद की जा सकें और लोगों से मुलाक़ात की जा सके तो इस में कोई बुरी बात नहीं होगी। बी जे पी के मर्कज़ी क़ाइदीन कोई ख़तरा मोल लेने तैयार नहीं है। पार्टी के जनरल सेक्रेटरी इंचार्ज उमूर कर्नाटक धर्मेन्द्र प्रधान रियासत के दौरा पर हैं ताकि येदि यूरप्पा और उन के साथीयों से देरीना मसाएल (पुराने मसले) पर तबादला-ए-ख़्याल (गौर) करें।
राज्य सभा में क़ाइद अपोज़ीशन अरूण जेटली भी बैंगलौर का दौरा करेंगे ताकि येदि यूरप्पा से मुलाक़ात कर सकें। इनका ये दावा पार्लीमेंट ( संसद) के बजट इजलास के इख़तेताम (खत्म) पर मुम्किन है। येदि यूरप्पा ने अपनी क़रीबी साथी शोभा करनड लाजे को अपने क़ासिद (पैगाम ले जाने वाला) के तौर पर जेटली से मुलाक़ात के लिए नई दिल्ली रवाना किया है। जब जेटली ने इन से टेलीफ़ोन पर कहा कि वो फ़िलहाल ख़ामोशी इख्तेयार करें।