बुढे लोग‌ अपनी ही औलाद की बुरे सुलूक‌ का शिकार

झिड़कने में बेटे पहेले नंबर पर‌, बहू दूसरे नंबर पर, जायज़ा रिपोर्ट में खुलासा

हिंदूस्तान ने तक़रीबन 31 फ़ीसद मुअम्मर अफ़राद(बुढे लोग‌) जिन की उम्र 60 साल या इस से ज़ाइद हो, उन्हें अपने ही अरकान(लोग‌) ख़ानदान बिलख़सूस बेटों की तरफ़ से बेइज़्ज़ती, नजरअंदाज़ करने और बेरुखी के अलावा झिड़कियों का सामना करना पड़ता है। हेल्प् एज्ज इंडिया ने मुल्क के 20 शहरों में तक़रीबन 5,600 अफ़राद(लोगो) से बातचीत के बाद ये तहक़ीक़ाती रिपोर्ट तैय्यार की है। इस में बताया गया है कि तक़रीबन 75 फ़ीसद मुअम्मर अफ़राद(बुढे लोग‌) जिन्हें अपने लोगो ख़ानदान की बेएतिनाई(अनादर) का सामना है वो उन के साथ ही रहते हैं।

तक़रीबन 69 फ़ीसद जिस घर में रहते हैं वो इस के मालिक हैं। मुअम्मर अफ़राद(बुढे लोगो) के साथ बुरा सुलूक करने वालों में बेटे (6 फ़ीसद) सब से आगे हैं। जिन के बाद बहू (3 फ़ीसद) , मुअम्मर ख़वातीन(बुढे औरतो) में 30 फ़ीसद और बुढे मर्दों में 26 फ़ीसद ने अपने बेटों को बेरुखी बरतने वाला क़रार दिया है।

15 फ़ीसद मुअम्मर ख़वातीन(बुढे औरतो) और 8 फ़ीसद मर्दों ने बहू को इस तरह का ग़लत सुलूक रखने वाला बताया। 50 फ़ीसद से ज़ाइद मुअम्मर अफ़राद(बुढे लोगो) ने बताया कि पाँच साल से ज़ाइद अर्सा से इस तरह के हालात का शिकार हैं। 33 फ़ीसद तक़रीबन 3 साल और एक फ़ीसद से ज़ाइद तक़रीबन 6 साल से ऐसी सूरत-ए-हाल से दो-चार हैं। बुढे लोगो के साथ बुरा सुलूक का सब से पहला तरीक़ा उन की तौहीन है। जिस के बाद उन्हें नजरअंदाज़ करना और फिर उन्हें झिड़कना है।

55 फ़ीसद मुअम्मर अफ़राद(बुढे लोग‌) इस बेरुखी की किसी से शिकायत नहीं करते। इन में 80 फ़ीसद से ज़ाइद ऐसे हैं जो महिज़ अपने ख़ानदान की इज़्ज़त की ख़ातिर ये मुआमला(बुढे) किसी के सामने लाने से बचते हैं। ये भी पता चला कि 20 फ़ीसद मुअम्मर अफ़राद(बुढे लोग‌) जो इन हालात का शिकार हैं वो ग्रैजूएटस हैं। 19 फ़ीसद ने प्राइमरी सतह की तालीम हासिल की और 16 फ़ीसद नाख़्वान्दा हैं।

ये स्टडी हैदराबाद, गोहाटी, पटना, चन्दीगढ़ , दिल्ली, पाना जी, अहमदाबाद, शिमला, जम्मू, बैंगलौर, कूची, मुंबई, भोपाल, भू बनेश्वर, पोडोचीरी, जाय‌ पुर, चेन्नाई, दहरा दोन, लखनऊ और कोलकता में की गई। इस रिपोर्ट में मुअम्मर अफ़राद(बुढे लोगो) के साथ बुरे सुलूक को रोकने केलिए स्कूलस और कॉलेजस में मुल्क‌ गीर सतह पर प्रोग्राम्स मुनज़्ज़म करने की तजवीज़ पेश की गई।