हैदराबाद । बुराईयों की जड़ जहालत है शिर्क , माद्दापरस्ती , शेतान की बंदगी और ग़लत सौच विचार जाहिलियत की बुनियाद हैं । आज चीन कि तरक़्क़ी से अमेरीका परेशान है लेकिन चीन में भी हर एक लाख में 22 लोगाअत्म हत्या कर रहे हैं इस की वजह सिर्फ यही है कि वहां अपने पैदा करने वाले से मुँह मोडने का चलन आम है यही हाल जापान का है । यूरोप और अमेरीका भी धार्मिक उसुलों से दिन ब दिन दूर होते जा रहे हैं । यही नहीं हमारे मुल्क हिंदूस्तान के इलावा दुनिया के दुसरे कई मुल्कों में शिर्क की क़बाहत रची बसी हुई है ।
कहीं लोग ख़ुद ख़ुदा बन बैठे हैं और कहीं लोगों ने उन्हें ख़ुदा बना लिया है । इन ख़्यालात का इज़हार जनाब सय्यद शुजाअत उल्लाह हुसैनी रुकन शुरा जमात-ए-इस्लामी हिंद नामपली ने कान्फ़्रैंस हाल मस्जिद अज़्ज़ेज़िया हुमायूँ नगर में जमात-ए-इस्लामी हिंद नामपली के मर्कज़ी इजतेमा में किया ।
हाफ़िज़ मुहम्मद फरीद उल्लाह ने सूरा राद की आयात से सबक कि शुरुआत कि । इज्तेमा की निगरानी जनाब महबूब फरीद ने की । जनाब सय्यद शुजाअत उल्लाह ने जदीद जाहिलियत , मज़ाहिर और असरात के मौज़ू पर ख़िताब किया । जनाब हामिद मुहम्मद ख़ां सदर एम पी जि ने इख़ततामी कलिमात में कहा कि जितना ये जानना ज़रूरी है कि इस्लाम क्या है इसी तरह ये जानना भी ज़रूरी है कि इस्लाम क्या नहीं है ।
जनाब रज़ी उद्दीन ने इज्तेमा की कार्रवाई चलाई और दुआ और शुक्रीया पर इजतिमा के खत्म होने का एलान किया गया ।।