बुलंदशहर-कातिलों की तलाश जारी, आरोपियों में भाजपा, बजरंग दल और विहिप के पदाधिकारियों के नाम

बुलंदशहर के गांव चिंगरावठी में गोकशी के बाद हुए बवाल में इंस्पेक्टर सहित दो की मौत के बाद पुलिस टीमें आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास में ताबड़तोड़ दबिशें दे रही है। कातिलों की तलाश में हिन्दू संगठनों पर निगाहें हैं। नामजद आरोपियों में भाजपा, बजरंग दल और विहिप के पदाधिकारियों के नाम हैं।

हालांकि अभी तक जो चार आरोपी गिरफ्तार हुए हैं, उनमें से कोई भी संगठन का पदाधिकारी नहीं है। बुलंदशहर सांसद डॉ भोला सिंह भी पुलिस की कार्रवाई से नाराज हैं और उनका आरोप है कि प्रदेश सरकार को बदनाम करने की साजिश रची गई है, बजरंग दल के संयोजक को जाम खुलवाने के लिए बुलवाया गया और उसे ही आरोपी बना दिया गया। विहिप के बुजुर्ग पूर्व पदाधिकारी को भी आरोपी बनाया गया है।

गोकशी के बाद हुए बवाल के मामले में दर्ज मुकदमे में बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज, भाजयुमो के पूर्व नगराध्यक्ष शिखर अग्रवाल, बीबीनगर मंडल के महामंत्री सचिन अहलावत और बजरंग दल के सात कार्यकर्ताओं सहित 27 नामजद आरोपी और अन्य की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने देर रात से ही दबिशें प्रारम्भ कर दी। एडीजी और आईजी के निर्देशन में लगी 12 पुलिस टीमों के द्वारा 50 से अधिक स्थानों पर दबिशें देकर नामजद चार आरोपियों- चमन, देवेन्द्र, आशीष चौधरी और सतीश को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि पांच संदिग्ध हिरासत में लिए गये।

 

पुलिस की दबिशों के भय के चलते चार गांवों- नया बांस, चिंगरावठी, महाव और नया गांव में से अधिकांश युवा और पुरुष सदस्य फरार हो गए हैं और गांवों में वीरानगी छाई है। बजरंग दल के जिला संयोजक योगेशराज के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके घर में तोड़-फोड़ करने के साथ ही उनके साथ अभद्रता की। विहिप के मेरठ प्रांत संगठन मंत्री सुदर्शन और बजरंग दल के पदाधिकारियों के द्वारा प्रेस वार्ता कर पुलिस पर उन्हें बदनाम करने और गोकशी कराने के आरोप लगाये।

तिहरी जांच शुरू
दूसरी ओर एडीजी इंटेलीजेंस ने विशेष जांच, आईजी ने एसआईटी और एडीएम प्रशासन ने मजिस्ट्रेटी जांच शुरू कर दी है। तीनों ने घटनास्थल का दौरा कर अनेक ग्रामीणों व अधिकारियो के बयान भी लिए हैं। लखनऊ से आए एडीजी इंटेलिजेंस एसबी शिरडकर ने गोकशी वाले ईख के खेत पर जाकर निरीक्षण किया। इसके बाद चिंगरावठी में फूंकी गई पुलिस चौकी को देखा। एडीजी उस खेत में भी पहुंचे जहां पर स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की हत्या हुई थी। उनके द्वारा बुधवार की शाम को अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी।

 

काफी मान मनौव्वल के बाद अंत्येष्टि

बवाल के दौरान मारे गये इंस्पेक्टर सुबोध को सुबह बुलंदशहर पुलिस लाइन में सलामी दिए जाने के बाद शव को उनके पैतृक गांव तरिगवां (एटा) भेजा गया। जहां पर परिजनों ने मुख्यमंत्री के आने तक अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। अधिकारियों के प्रयासों पर करीब साढ़े तीन घंटे बाद वह माने और तब इंस्पेक्टर का अंतिम संस्कार हुआ। इस दौरान इंस्पेक्टर की पत्नी ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वह पुलिस लाइन में आत्महत्या कर लेंगी। इंस्पेक्टर की बहन और चाचा का यह भी आरोप है कि बिसाहड़ा कांड की रंजिश में उनकी हत्या की गई।

सुमित के अंतिम संस्कार भी विवाद के बाद
दूसरी ओर भारी पुलिस बल के साथ दोपहर के समय गांव चिंगरावठी में सुमित का शव लेकर पहुंचें परिजनों के साथ ही अन्य ग्रामीण जिद पर अड़ गये कि जब तक इंस्पेक्टर की तरह उन्हें आर्थिक मदद और अन्य सुविधाएं नहीं मिलेंगी वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। उन्होंने पुलिस पर ही उसकी हत्या करने का आरोप लगाया।

एडीएम के द्वारा उन्हें पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद दिलवाने की घोषणा की गई।  सांसद डा भोला सिंह के द्वारा आश्वस्त किया गया कि वह जिले के सातों विधायकों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलेंगे और उन्हें यथासंभव मदद दिलवायी जाएगी और मुकदमें में से सुमित का नाम निकाला जाएगा। जिसके बाद ही सुमित का अंतिम संस्कार हो सका।

बुलंदशहर में हालात सामान्य, चार गिरफ्तारः एडीजी कानून-व्यवस्था
एडीजी कानून व्यवस्था आनन्द कुमार ने कहा कि बुलंदशहर में अब हालात सामान्य हैं और वहां पर किसी प्रकार की कोई नई वारदात या तनाव नहीं है। चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहां पर मिले गोवंश के अवशेष कितने दिन पुराने थे, वहां पर गोली किसने और कैसे मारी,तथा इंस्पेक्टर के साथ मौजूद पुलिसकर्मियों की कहां लापरवाही रही आदि बिन्दुओं पर जांच चल रही है।