बुलंदशहर गैंगरेप टिप्पणी: SC ने मंजूर की आजम खान की माफी

नई दिल्लीः बुलंदशहर गैंगरेप मामले में अपने ‌बयान से विवाद में आए यूपी के कद्दावर मंत्री आजम खान को कोर्ट से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान के बिना शर्त माफी मांगने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामलों में नेताओं को टिप्पणी करनी चाहिए या नहीं इस बारे में 18 फरवरी को सुनवाई करने का फैसला किया है.

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अमर उजाला के अनुसार, बुलंदशहर हाईवे पर मां-बेटी गैंगरेप मामले में विवादित बयान देने वाले उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री और समाजवादी पार्टी के बड़े नेता आजम खान के माफी नामे को सुप्रीम कोर्ट ने नामंजूर कर दिया था. कोर्ट ने 7 दिसंबर को आजम की माफी को यह कहते हुए नामंजूर कर दिया कि यह बिना शर्त नहीं है. इस मामले में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और फली नरीमन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि आजम खान ने जो स्पष्टीकरण दिया है वह बिना शर्त नहीं है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आजम से कहा कि ‘वह इस मामले में दोबारा हलफनामा दायर करें और बिना शर्त माफी मांगें. इस पर आजम खान के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि आजम खान अपने ताजा हलफनामे में ‘क्षमा’ की जगह ‘पछतावा’ लिखेंगे. इस पर कोर्ट ने कहा कि आजम खान पहले हलफनामा दायर करें उसके बाद उस पर विचार किया जाएगा.
आप को बता दें कि पीड़ित परिवार 29 जुलाई को कार से नोएडा से शाहजहांपुर जा रहा था. एनएच 91 पर दोस्तपुर गांव के पास बदमाशों ने रॉड फेंककर कार रोकी. उसके बाद सभी को खेतों में ले गए. वहां लूटपाट करने के बाद महिला और उसकी बड़ी बेटी से गैंगरेप किया गया था. कार में एक अन्य युवती और तीन पुरुष भी थे. इस मामले में यूपी पुलिस ने तीन आरोपियों को पकड़ा है. हालांकि, तीनों का कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप झूठे हैं और वे नारको टेस्ट कराने के लिए भी तैयार हैं.
आज़म खान ने इस मामले में जांच पर जोर दिया था कि कहीं पूरा मामला विपक्षी तत्व ने सरकार को बदनाम करने के लिए तो नहीं पैदा किया. यूपी में सत्ता पाने के लिए बेचैन विपक्षी दल सरकार को बदनाम करने के लिए किसी हद तक गिर सकते हैं. बुलंदशहर गैंगरेप की घटना राजनीतिक साजिश लगती है. मुजफ्फरनगर, कैराना और शामली हो सकता है तो यह क्यों नहीं हो सकता.