इंस्पेक्टर की हत्या में शामिल आरोपी शराब तस्करी के काले कारोबार से जुड़े थे। इंस्पेक्टर ने इनमें से कुछ आरोपियों को हिदायत भी दी थी। शायद इस वजह से भी प्रशांत नट समेत अन्य आरोपी इंस्पेक्टर से रंजिश रखते थे।
हालांकि, अधिकारी अभी इस बाबत केवल इतना ही बता रहे हैं कि कुछ आरोपी शराब के अवैध कारोबार से जुड़े थे, हत्या रंजिशन हुई या नहीं, इस संबंध में पुलिस जांच की बात कह रही है।
उल्लेखनीय है कि बुलंदशहर में भीड़ के हमले में इंस्पेक्टर सुबोध के अलावा एक अन्य युवक की मौत हो गई थी। चौधरी ने यह भी बताया कि इंस्पेक्टर ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी, जिसमें सुमित नाम के युवक की मौत हो गई थी।
उसकी उम्र 20 साल के करीब थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार ‘वीडियो फुटेज’ और कुछ लोगों की गवाही के आधार पर इंस्पेक्टर की हत्या में नट को संदिग्ध पाया गया।
बीते 3 दिसंबर को हुई इस घटना के सिलसिले में बुलंदशहर पुलिस ने अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार किया है और 6 से अधिक लोगों ने अदालत में आत्मसमर्पण किया है। उल्लेखनीय है कि पहले सेना के जवान जीतू फौजी पर संदेह था, लेकिन उसके खिलाफ सबूत नहीं मिले।
साभार- ‘अमर उजाला’