बुलंदशहर हिंसा: पुलिस की बड़ी नाकामी, मुख्य आरोपी दंगाई योगेश राज अभी भी पकड़ से है दूर!

जनपद बुलंदशहर के स्याना में हुई हिंसा के आरोपियों पर पुलिस का दबाव बनने लगा है। एसआईटी ने आरोपी नितिन पुत्र ब्रजेश निवासी चिंगरावठी को 48 घंटे के रिमांड पर लेकर बवाल वाले दिन पहने गए उसके कपड़े बरामद किए हैं।

कपड़ों की फोरैंसिक जांच कराई जाएगी। उधर फरार चल रहा मुख्यारोपी योगेश राज पुलिस पकड़ से दूर है। बवाल के 18 दिन बाद भी तीनों गांवों में सन्नाटा पसरा है।

चिंगरावठी निवासी महीपाल सिंह पुत्र गिरराज सिंह ने मुख्यमंत्री, डीजीपी व एसएसपी बुलंदशहर को भेजे शिकायती पत्र में बताया कि गौतमबुद्धनगर जनपद के रबूपुरा थानाक्षेत्र के नंगला भटौला गांव में उनकी बेटी रहती है।

उनका बेटा डेविड बहन के पास नंगला भटौला गया था। 14 दिसंबर की रात को सादी वर्दी में पुलिस कर्मी नंगला भटौला पहुंचे और डेविड को उठाकर ले आए। पुलिस व एसआईटी ने उसे 7 दिन से अवैध हिरासत में रखा है। पुलिस उन्हें बेटे से मिलने भी नहीं दे रही। पीड़ित पिता ने आशंका जताई है कि पुलिस बेटे को झूठे मामले में फंसा सकती है।

स्याना में राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं ने युवा रालोद के प्रदेश महासचिव डॉ. कुंवर वीर सिंह के नेतृत्व में शुक्रवार की देर शाम चिंगरावठी गांव में ग्रामीणों और बवाल में मृत युवक सुमित के परिजनों से मुलाकात की व हर संभव मदद का भरोसा दिया।

डॉ. कुंवर वीर सिंह ने कहा कि निर्दोष ग्रामीणों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर जल्द ही पुलिस ने अपना रवैया नहीं सुधारा तो पार्टी कार्यकर्ता आंदोलन को मजबूर होंगे। इस दौरान हरिराज सिंह, अनिल प्रधान, राहुल गुर्जर, भवतोश सिंह, अवनीश कौशिक, सुनील गुर्जर, ललित, जितेंद्र, राजवीर व मंजीत नेहरा आदि मौजूद रहे।

स्याना में हुई हिंसा को लेकर नामजद व अज्ञात में दर्शाए गए बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का मुकद्दमा विश्व हिंदू परिषद लड़ेगी। उक्त जानकारी परिषद के जिलाध्यक्ष प्रेमपाल सिंह ने देते हुए कहा कि इस संबंध में संगठन ने कुछ अधिवक्ताओं से भी बातचीत की है।

स्याना हिंसा का मामला दिन बीतने के साथ-साथ शांत होने की बजाय लगातार तूल पकड़ रहा है। करीब 2 सप्ताह बीतने के बाद जिले के आलाधिकारी स्याना हिंसा का मामला शांत मानने लगे थे किंतु 83 सेवानिवृत्त अफसरों का खुला पत्र, फिर भाजपा विधायक का अफसरों को खुला पत्र और फिर फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह की बयानबाजी से उठे बवाल से मामला तूल पकड़ता जा रहा है।

साभार- ‘पत्रिका’