बुलंदशहर हिंसा- मीडिया रिपोर्ट में दावा, सेना के जवान ने मारी थी इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को गोली

बुलंदशहर बवाल में एसआईटी और एसटीएफ की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बवाल में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को जम्मू में तैनात एक फौजी ने गोली मारी थी। फौजी अपने गांव में छुट्टी पर आया हुआ था। इंस्पेक्टर को उसकी अवैध पिस्टल से गोली लगना सामने आया है। घटना के बाद फौजी जम्मू भाग गया।

अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस को इस संबंध में एक महत्वपूर्ण वीडियो मिला है, जिसमें फौजी गोली चलाता साफ दिख रहा है। उसके बाद पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने जम्मू में फौजी की यूनिट के अधिकारियों से बात की। फौजी की गिरफ्तारी के लिए बुलंदशहर से पुलिस की टीम जम्मू के लिए रवाना हो गई है।

बता दें की गोकशी को लेकर बुलंदशहर के स्याना थाना की चिंगरावठी पुलिस चौकी में सोमवार को बवाल हुआ था। जिसमें इंस्पेक्टर स्याना सुबोध कुमार और छात्र सुमित की गोली लगने से मौत हुई है।

पुलिस ने इस मुकदमे में 27 लोगों को नामजद करते हुए 250-300 अज्ञात लोग मुल्जिम बनाए हैं। जिसमें एक फौजी का नाम भी हत्या की धारा में दर्ज है। बुलंदशहर बवाल का मास्टरमाइंड कौन है, इसकी तफ्तीश कई सीनियर पुलिस अधिकारी कर रहे हैं। पुलिस ने पूरी घटना से संबंधित करीब 203 वीडियो जुटाई हैं, जिनमें यह देखा जा रहा कि बवाल कहां से शुरू हुआ और लोगों की भीड़ कैसे उत्तेजित हुई।

पुलिस दावा कर रही कि इसी फौजी की गोली ही इंस्पेक्टर सुबोध को लगी। वीडियो में फौजी की पहचान करने के बाद पुलिस ने बुलंदशहर में उसके घर पर दबिश दी। फौजी घर पर नहीं मिला। जानकारी मिली कि फौजी छुट्टी पर आया था। लेकिन बवाल होने के बाद वह वापस चला गया।

फौजी की गिरफ्तारी के लिए जम्मू में पुलिस की एक टीम रवाना हो गई है। जिसमें स्याना थाने के विवेचक और पुलिस अफसर भी जम्मू गए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक फौजी की जिस यूनिट में तैनाती है, वहां के अधिकारियों से पुलिस अधिकारियों की बातचीत हुई है। जिन्होंने पुलिस की जांच में सहयोग करने की बात कही है। उन्होंने फौजी को पुलिस को सौंपने का आश्वासन दिया है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक सोशल साइट पर करीब 180 वीडियो वायरल हुए, जबकि बवाल के दौरान 23 वीडियो पुलिस वालों ने बनाए थे। साइबर सेल ने वीडियो फुटेज को बारीकी से देखा। जिसमें फौजी गोली चलाता साफ दिखाई दे रहा है। इसी को आधार बनाकर पुलिस ने फौजी पर ही फोकस किया है।