बुलंदशहर हिंसा: हिरासत में लिए गए चारों मुस्लिम नवजवान हैं बेकसूर!

उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा है कि बीते दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोहत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए चारों युवक निर्दोष हैं। द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक़, पुलिस अब इन युवकों को जेल से रिहा कराने के लिए कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है।

ग़ौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले के स्याना गांव में कथित रूप से गौवंश के अवशेष मिलने के बाद दर्ज एफ़आईआर में 7 लोगों को नामज़द किया गया है। यह एफ़आईआर उस उग्र भीड़ का नेतृत्व करने वाले बजरंग दल के कार्यकर्ता योगेश राज ने दर्ज कराई थी, जिसने पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

बुलंदशहर में हुई हिंसा के बाद लगभग दो हफ्ते पहले सैफ़ुद्दीन, साजिद, आसिफ़ और नन्हे नाम के चार युवकों को गिरफ्तार किया गया था और प्रथम दृष्टया ये पाया गया है कि ये चारों निर्दोष हैं।

कथित गोकुशी मामले में दर्ज कराई गई एफ़आईआर में जिन 7 लोगों को नामज़द किया गया था, उनमें से दो नाबालिग़ बच्चे थे, जिनकी उम्र 11-12 साल है। इनमें से पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

बता दें कि बीते तीन दिसंबर को बुलंदशहर में हुई हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या का मुख्य आरोपी योगेश राज है।
हालांकि उत्तर प्रदेश पुलिस सुबोध कुमार सिंह की हत्या के आरोपियों को पकड़ने से पहले तथाकथित गोहत्या के मामले की जांच कर रही है।

विशेष जांच दल (एसआईटी) ने गिरफ्तार किए गए चारों लोगों को निर्दोष क़रार देने का फ़ैसला लिया है।

इसी के साथ चौधरी ने कहा कि पुलिस ने काला, नदीम और रईस नाम के तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। तीनों लोगों की उम्र लगभग 30 साल है। पुलिस ने दावा किया है कि इनके खिलाफ़ वैज्ञानिक और अन्य सबूत है औप नदीम के पास लाइसेंस वाली बंदूक़ है।

वहीं बुलंदशहर हिंसा मामले का मुख्य आरोपी बजरंग दल नेता योगेश राज अभी भी फ़रार है। हिंसा मामले में पुलिस ने अभी तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया है।

साभार- ‘parstoday.com’