मर्कज़ी वज़ारत समाजी इंसाफ़-ओ-इख़्तयारात ने बच्चों में बुज़ुर्गों के बारे में बेहतर जज़बात-ओ-एहसासात पैदा करने के मक़सद से वज़ारत फ़रोग़ इंसानी वसाइल को एक मकतूब रवाना करने का फ़ैसला किया है जिस के ज़रीये तहतानवी स्कूलों के तालीमी निसाब में अख़लाक़-ओ-इक़दार पर मबनी तालीम को शामिल करने की दरख़ास्त की जाएगी ।
मर्कज़ी वज़ीर समाजी इंसाफ़-ओ-इख़्तयारात कुमारी सलेजा ने पी टी आई से कहा कि यक़ीनन में इस मसले को वज़ारत फ़रोग़ इंसानी वसाइल में अपने रफ़क़ा से रुजू करना चाहूंगी क्योंकि में ये महसूस करती हूँ कि हर शहरी में बचपन से ही बुज़ुर्गों के अदब-ओएहतेराम का एहसास पैदा किया जाना चाहीए ।
हम बचपन में ही असल तालीम हासिल करते हैं और इसी उम्र में अख़लाक़-ओ-इक़दार पर मबनी तालीम दी जानी चाहीए कुमारी सलेजा इस सवाल का जवाब दे रही थीं कि आया बच्चों में बुज़ुर्ग शहरीयों के तईं बेहतर एहसास-ओ-जज़बात पैदा करने केलिए तहतानवी सतह पर अख़लाक़ी तालीम को शामिल करने के इमकानात तलाश किए जा रहे हैं।