बेंगलुरु में कराची बेकरी के आउटलेट को अपने नाम में से ‘कराची’ को अपने नेम बोर्ड पर कवर करना पड़ा. दरअसल कुछ लोग पाकिस्तान के विरोध में कराची शब्द का विरोध कर रहे थे. यह प्रदर्शन शुक्रवार को पुलवामा हमले के विरोध में किया जा रहा है. बता दें इस हमले में 42 सीआरपीएफ जवानों की मौत हो गई थी.
द न्यूज मिनट के मुताबिक घटना शुक्रवार को शाम 8 बजे से साढ़े 8 बजे के बीच हुई. करीब 20-25 लोग इंदिरानगर में 100 फीट रोड पर बेकरी के सामने विरोध के लिए पहुंचे थे. उन्होंने वहां नारेबाजी शुरू कर दी और नाम बदलने की मांग करने लगे. इसके बाद बेकरी को अपना आधा नाम कवर करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
डरे हुए स्टाफ ने न केवल आधे नाम को कवर करना पड़ा. बल्कि उन्होंने भारत का झंडा भी फहराया. हालांकि पूरी घटना के दौरान किसी भी तरह की हिंसा नहीं हुई.
भीड़ वहां करीब आधे घंटे तक रुकी. उन्होंने हमसे नाम बदलने की मांग की. प्रदर्शनकारियों में से एक आदमी ने आर्मी में लोगों से जान-पहचान की भी बात की. उन्हें लगा हम पाकिस्तान से हैं. लेकिन हम इस नाम का इस्तेमाल पिछले करीब 53 सालों से कर रहे हैं. इसके मालिक हिंदू हैं. केवल नाम कराची बेकरी है. उनके कारण हमने भारतीय झंडा फहराया.
फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया गया है. इसमें बेकरी के कर्मचारियों ने कराची शब्द को कवर कर दिया.
कराची बेकरी की स्थापना खानचंद रमनानी ने की थी. वे 1947 के बंटवारे के वक्त भारत आए थे. बेकरी का पहला आउटलेट हैदराबाद में खोला गया. इसके बाद पूरे देश में इसकी ब्रांच फैल गईं. बेकरी अपने फ्रूट बिस्किटस के लिए मशहूर है
पुलवामा अटैक के बाद कश्मीर के भी कई छात्रों और व्यापारियों को निशाना बनाया गया था. देहरादून, पटना, दिल्ली, जोधपुर,पंचकूला जैसे शहरों में कश्मीरियों को निशाना बनाया गया था. इन घटनाओं के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला राजनाथ सिंह से भी मिले थे.