बेअंत सिंह के हत्यारे को मृत्यु तक उम्रकैद, लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे

पंजाब में आतंकवाद पर काबू पाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में सीबीआइ अदालत ने दोषी आतंकी जगतार सिंह तारा को शनिवार को मृत्यु तक उम्रकैद और 35 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अब जगतार सिंह तारा सलाखों के पीछे रहकर मौत का इंतजार करेगा। तारा ने अपने वकील के जरिए साफ कर दिया है कि इस फैसले के विरुद्ध किसी दूसरी अदालत में अपील नहीं करेगा। तारा को सजा सुनाए जाने से पहले ही शनिवार सुबह चंडीगढ़ की माडर्न जेल के बाहर भारी संख्या में अकाली दल अमृतसर के कार्यकर्ता और गरमपंथी विचारधारा वाले सिख संगठनों के कार्यकर्ता जुटने शुरू हो चुके थे। गरमपंथियों का नेतृत्व अकाली दल अमृतसर के अध्यक्ष व पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान कर रहे थे। गरमपंथियों की गतिविधियों को देखते हुए जेल परिसर के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।

शुक्रवार को बुड़ैल जेल में सीबीआइ अदालत ने जगतार सिंह तारा को दोषी करार देते हुए शनिवार के लिए फैसला सुरक्षित रख दिया गया था। शनिवार को अदालत की कार्यवाही शुरू होते ही जगतार सिंह तारा को न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया। इसके बाद न्यायाधीश ने सजा सुनाते हुए जगतार सिंह तारा को भारतीय दंड संहिता की धारा 302,307,120-बी और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया। इसके बाद उन्होंने अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को अदालत कक्ष से बाहर जाने के लिए कहा। इसके बाद न्यायाधीश ने विभिन्न धाराओं के तहत अलग-अलग सजा सुनाई लेकिन सभी में मृत्यु तक उम्रकैद का प्रावधान रखते हुए अलग-अलग जुर्माना लगाया गया है।

पंजाब में आतंकवाद पर काबू पाने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की 31 अगस्त 1995 में मानव बम द्वारा हत्या कर दी गई थी।

सीबीआइ अदालत ने शनिवार को जैसे ही जगतार सिंह तारा को सजा सुनाई, गरमपंथियों ने खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। यह क्रम करीब आधे घंटे तक चलता रहा। इसके बाद जगतार सिंह तारा के परिजनों और सिमरनजीत सिंह मान, करनैल सिंह पीर मोहम्मद आदि नेताओं ने सभी को वापस में घरों में जाने का आग्रह करते हुए कहा कि बहुत जल्द उन्हें आगामी रणनीति से अवगत करा दिया जाएगा। मौके पर मौजूद पुलिस बल मूक दर्शक बनकर उन्हें देखता रहा।