रांची: वर्धमान-हटिया एक्सप्रेस से गिरफ्तार इंतजार अली का मामला पुलिस के गले की फांस बनता जा रहा है. इसकी वजह यह है कि पुलिस को कोई ठोस सुबूत नहीं मिल पाया है जबकि उसे 20 अगस्त को धमाकाखेज़ मवाद के साथ सफर करते हुए गिरफ्तार करने का दावा किया गया था.
गुजश्ता दिनो ज़राये के हवाले से यह खबर आने के बाद कि इंतजार अली के खिलाफ कोई सुबूत मिल पाया है, सूबे की सियासत गरमा गई है. कांग्रेस ने पीर के रोज़ यह अल्टीमेटम दिया कि 48 घंटे के अंदर इंजतार को रिहा नहीं किया गया तो वह तहरीक करेगी. झारखंड विकास मोर्चा का एक वफद भी वज़ीर ए आला से मिला और इंतजार को रिहा करने की मांग की.
समझा जा रहा है कि पुलिस ने ट्रेन में सीट के नीचे से धमाका खेज मवाद से भरा बैग बरामद किया था, जबकि बाववाही लूटने के चक्कर में ट्रेन से सफर कर रहे इंतजार अली के कंधे से बरामद होना दिखा दिया. पुलिस की इस मुबय्यना तौर पर कामयाबी का डंका भी काफी बजा और एनआइए की टीम ने भी इसकी जांच की.
हालांकि इंतजार अली के खिलाफ कुछ पुलिसअहलकारों के बयान के अलावा और कोई सबूत जुटाने में कामयाबी नहीं मिल पाई. अदालत में महज ज़ुबानी सबूत की बुनियाद पर इंजतार को दहशतगर्द साबित नहीं किया जा सकता.
ज़राये के हवाले से ऐसी खबर आ रही है कि अबतक की जांच में इंतजार अली की तरफ से दिये गए बयान सही पाए गए हैं. इसकी तस्दीक होने के बाद पुलिसअहलकारों गर्दन फंसती नजर आ रही है. अगर पुलिस के किरदार की जांच की नौबत आती है तो कई आला ओहदेदारों की गर्दन फंस सकती है.