बेक़सूर मुस्लिम नौजवानों को मुआवज़ा की तक़सीम पर नाराज़गीयाँ

हैदराबाद 8 जनवरी (सियासत न्यूज़) कांग्रेस के मुस्लिम अरकान असम्बली और अरकान क़ानूनसाज़ कौंसल ने मक्का मस्जिद बम धमाके मुक़द्दमा मैं बेक़सूर साबित होने वाले मुस्लिम नौजवानों को मुआवज़ा अदा करने की सरकारी तक़रीब में, हुक्मराँ कांग्रेस के मुस्लिम क़ाइदीन को नजरअंदाज़ करने और कांग्रेस हुकूमत के तारीख़ी कारनामा कोमजलिस के सपुर्द करने की सख़्त मुज़म्मत की और रियास्ती वज़ीर-ए-क़लीयती बहबूद मिस्टर मुहम्मद अहमद अल्लाह के ख़िलाफ़ चीफ़ मिनिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी और पार्टी हाईकमान से शिकायत की।

कांग्रेस के मुस्लिम अरकान असम्बली , अरकान क़ानूनसाज़ कौंसल, साबिक़ वुज़रा के इलावा पार्टी के दीगर सरकरदा क़ाइदीन ने इस मसला पर एक दूसरे से मुशावरत करते हुए ना सिर्फ चीफ़ मिनिस्टर से शिकायत की, बल्कि पार्टी सदर मिसिज़ सोनीया गांधी, सोनीया गांधी के सयासी मुशीर मिस्टर अहमद पटेल और मर्कज़ी वज़ीर-ए-सेहत-ओ-इंचार्ज आंधरा प्रदेश कांग्रेस उमूर मिस्टर ग़ुलाम नबी आज़ाद से भी शिकायत की।

कांग्रेस के मुस्लिम क़ाइदीन ने बताया कि मुल्क का ये एक तारीख़ी फ़ैसला है, जिस को कांग्रेस हुकूमत ने अंजाम दिया है, ताहम वज़ीर-ए-क़लीयती बहबूद ने इस एज़ाज़ का सहरा मजलिस के सर बांध दिया। जुबली हाल के सरकारी प्रोग्राम को मजलिसने पूरी तरह से यरग़माल बना लिया था, यहां तक कि तक़रीब में एक मर्तबा भी चीफ़ मिनिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी और सदर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मिस्टर बी सत्य ना रायना का नाम नहीं लिया गया।

एक ग़लती ये भी की गई कि कांग्रेस के किसी मुस्लिम क़ाइद को मदऊ नहीं किया गया, यहां तक कि हैदराबाद की नुमाइंदगी करने वाले अरकान-ए-पार्लीमैंट (लोक सभा-ओ-राज्य सभा) और अरकान क़ानूनसाज़ कौंसल के इलावा कांग्रेस के सरकरदाक़ाइदीन को भी मदऊ नहीं किया गया और कांग्रेस के जो क़ाइदीन अपनी ख़ुशी से तक़रीबमें शरीक होने की ग़रज़ से पहुंचे, उन्हें भी रोक दिया गया, जिस के सबब कांग्रेस के तमाम मुस्लिम क़ाइदीन नाराज़ हैं।

इन क़ाइदीन का कहना है कि रियासत में कांग्रेस पार्टी ने अपने इंतिख़ाबी मंशूर मैं वाअदा करते हुए मुस्लमानों को तालीम और मुलाज़मतों में तहफ़्फुज़ात फ़राहम किया है, लेकिन मजलिस के क़ाइदीन उस को अपना कारनामा क़रार दे रहे हैं। मक्का मस्जिद बम धमाके में मुस्लिम नौजवानों के बेक़सूर रिहा होने के बाद ऐवान असम्बली में चीफ़ मिनिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी ने मुस्लमानों से माज़रत ख़्वाही की थी और क़ौमी अक़ल्लीयती कमीशन की सिफ़ारिश को क़बूल करते हुए बेक़सूर मुस्लिम नौजवानों को मुआवज़ा की अदायगी से इत्तिफ़ाक़ किया था।

इसी तरह कांग्रेस के मुंतख़बअवामी नुमाइंदे और दीगर क़ाइदीन ने हुकूमत पर दबाॶ डालते हुए मुस्लिम नौजवानों के साथ होने वाली ज़्यादतियों को रोकने में अहम रोल अदा किया और उन की माली इमदाद केलिए नाक़ाबिल फ़रामोश काम किया। मगर जब मुआवज़ा की अदायगी का वक़्त आया तो रियास्ती वज़ीर-ए-क़लीयती बहबूद मिस्टर अहमद अल्लाह ने हुक्मराँ जमात के नुमाइंदों और पार्टी के सरकरदा क़ाइदीन को नजरअंदाज़ करते हुए मजलिस के क़ाइदीन को एहमीयत दी।