लखनऊ, 09 जनवरी: सदर जमहूरिया प्रणब मुखर्जी का कहना है, ‘जो मुल्क अपनी मां, बहन और बेटियों की हिफाज़त नहीं कर सकता उसे मुहज़्ज़िब (Descent) कहलाने का हक नहीं है। बहन-बेटियों की हिफाज़त और उनका एहतेराम सबसे पहले है। दिल्ली में जो हुआ, हम उस पर शर्मिंदा हैं। ऐसी वारदात सिर्फ कानून से नहीं रोकी जा सकती हैं। इसके लिए ज़हनियत बदलनी होगी और तहज़ीब पर ध्यान देना होगा।’
उन्होंने कहा कि ख़वातीनो की हिफाज़त हमारी जिम्मेदारी है और हम इसे यकीनी बनाएंगे। नुमाइंदगान को साल 2013 में ख़वातीनो की हिफाज़त और उनके एहतिराम के लिए काम करने का अहद करना चाहिए। उत्तर प्रदेश विधानमंडल का कियाम के 125 साल पूरे होने के मौके पर मंगल को उत्तर परदेश की सिलवर जुब्ली तकरीब में बतौर खुसुसी मेहमान सदर जम्हूरीया ने दिल्ली गैंगरेप की वारदात का ज़िक्र किया।
उन्होंने कहा कि ऐसी वारदात कभी भी कहीं भी हो सकती हैं। कुछ नोटिस में आती हैं और कई मरतबा नहीं भी आतीं। ऐसी वारदातो की रोकथाम के लिए हर हिंदुस्तानी को ख़वातीन की हिफाज़त और उनके एहतिराम का अज़्म लेना होगा।