बेटियों के इंतेजार में पथराईं मां-बाप की आंखें

रायपुर, 04 अप्रैल:पूरे मुल्क में लड़कियों और ख्वातीन की हिफाज़त हुकूमत के लिए बहुत बड़ी चुनौती साबित हो रही है। इनके खिलाफ अपराधों में भी कोई कमी नहीं आई है। छत्तीसगढ़ में पिछले तीन सालों में पांच हजार से ज़्यादा लड़कियां लापता हुई हैं तो दस हजार से ज़्यादा ख्वातीन का कोई सुराग नहीं है। इनके इंतेजार में मां-बाप की आंखें पथरा गई हैं।

महकमा के ज़राए के मुताबिक रियासत में पिछले तीन सालों में 5622 लड़कियां गायब हुई हैं तो वहीं 10,712 ख्वातीन लापता हैं। पुलिस को अब तक इनके बारे में कोई पता नहीं चल पाया है।

साल 2011-12 में सबसे ज़्यादा गुमशुदगी दर्ज की गई। उस साल 1961 लड़कियां व 3822 ख्वातीन गुम हुईं। जिसमें रायपुर जिले से सबसे ज़्यादा 922 लड़कियां व 1663 ख्वातीन शामिल हैं।

दुर्ग जिलें में 527 लड़कियां और 1565 ख्वातीन गायब हैं। ऐसे ही नक्सल से मुतास्सिर जिले सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोण्डागांव और जगदलपुर से भी ख्वातीन व लड़कियां गायब हुई हैं। इनमें से कई ख्वातीन व लड़कियों के माओवादियों के साथ शामिल होने की आशंका भी जताई जा रही है।

कुछ लोग इसे आशिकी और कुछ इसे अच्छे काम धंधे का लालच देकर फंसाने का वजह मानते हैं।