बेटी की इस्मतरेजी (बलातकार/Rape) कर HIV फैलाने वाले को 25 साल की सजा

अपनी ही नाबालिग बेटी का इस्मतरेजी ( Rape) करने और जानबूझकर उसे HIV फैलाने के इल्ज़ाम में दिल्ली की अदालत ने एक शख्स को 25 साल की सजा सुनाई है। इस शख्स ने अपनी सौतेली बेटी के साथ इस्मतरेजी की और जबरदस्ती उसका गर्भपात करा दिया था |

मुल्क में यह पहला मामला है जब एड्स फैलाने के इल्ज़ाम में किसी को अदालत ने इतनी सख्त सजा सुनाई है। अदालत ने इस व्यक्ति की एचआईवी से पीड़ित होने के चलते नरमी बरतने की अपील को भी ठुकरा दिया। रिश्तों और इंसानियत का कत्ल कर चुके इस शख्स के लिए अदालत ने कहा कि इसने जानबूझकर अपनी सौतेली बेटी के साथ न केवल बलात्कार किया, बल्कि उसे एचआईवी फैला कर (संक्रमित) उसकी जान को भी खतरा पहुंचाया। यहां तक की मामला खुलने पर सौतेली बेटी को जबरन दवा खिलाकर गर्भपात भी कराया।

अदालत ने इस शख्स पर इस्मतरेज़ी और कत्ल के कोशिशों के लिए 10-10 साल की सजा और जबरन गर्भपात कराने के लिए पांच सला की सजा सुनाई है। साथ ही 6 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है। यह मामला तब सामने आया जब मुतास्सिरा (पीड़िता) के भाई को एचआईवी संक्रमित होने के वजह से अस्पताल में लाया गया।

तब अस्पताल में मुतास्सिर (पीड़ित) लड़की की तबीयत बिगड़ गई और जांच के दौरान लड़की के HIV से संक्रमित और हमल (गर्भवती) होने का पता चला। इस वाक्या के ताल्लुक में चाइल्ड लाइन और पुलिस को इत्तिला की गयी। इसके बावजूद भी सौतेले बाप ने लड़की का जबरदस्ती गर्भपात (Abortion ) करा दिया। लड़की ने अदालत को बताया कि मां की मौत हो जाने के बाद से उसका सौतेला बाप उसके साथ जबरदस्ती जिसमानी ताल्लुकात बनाता था।

अदालत ने दिल्ली सरकार को पीड़ित लड़की को 2 लाख रुपये मुआवजा देने को कहा है। साथ ही अदालत ने हुक्म दिया है कि ऐसे नियम बनाए जाएं, जिससे इस्मतरेजी के मुल्जिम (आरोपी) के सेहत की भी जांच हो, ताकि मुतास्सिर (पीड़ित) को किसी और खतरे से बचाया जा सके।