बेटी के कोख में बाप का बच्चा, बेटी अबार्शन कराए या फिर ?

कानपुर: उत्तर प्रदेश का कानपुर ज़िला ऐसे वाकिया को लेकर सुर्खियों में है जिसने रिश्तों को बदनाम करने की नयी इबरत लिख दी है। पुलिस से लेकर इंतेज़ामिया सभी कश्मकश में हैं कि कैसे इस पूरे मामले में इंसाफ किया जाए।

यह मामला 13 साल की एक नाबालिग लड़की का है जो साढ़े पांच माह के हमल से है और कश्मकश इसलिए है कि क्या उसे बच्चे को जन्म देने दिया जाए या फिर अबार्शन कराया जाए।

आपको बता दें कि नाबालिग लड़की के पेट में पल रहा बच्चा उसके रिक्शा ड्राइवर बाप का है। पुलिस ने मुल्ज़िम बाप को पकड़ कर जेल भेज दिया है।

अब अगर बात करें मेडिकल टर्मिनल ऑफ प्रेग्नेसी एक्ट की तो इसके तहत 20 हफ्ते के बाद एबार्शन नहीं हो सकता है। लिहाजा पुलिस अफसरों ने इस केस को अदालत के पाले में डाल दिया है।

मौसूल इत्तेला के मुताबिक बाप की तरफ से बेटी का रेप करने का वाकिया सामने आने के बाद 20 जुलाई को डफरिन अस्पताल में नाबालिग का मेडिकल कराया गया था। रिपोर्ट में पता चला कि नाबालिग के पेट में साढ़े पांच माह का हमल है।डॉक्टरों ने कहा है कि नाबालिग जिस्मानी तौर पर काबिल नहीं है जिससे डिलेवरी में रिस्क है।

इसके बाद अफसरों ने नाबालिग के एबार्शन को लेकर मेडिकल टर्मिनल ऑफ प्रेग्नेसी एक्ट (एमपीटी) का मुताआला किया। एक्ट के तहत किसी भी खातून का 20 हफ्ते के अंदर ही एबार्शन हो सकता है। इसके बाद नहीं। पुलिस और डॉक्टरों ने घंटों के माथा पेची के बाद इस मसले को कोर्ट के पाले में डालने का फैसला लिया है।

एसआई सविता सेंगर (judicator) इस मामले में हफ्ते के रोज़ कोर्ट में अर्जी देंगी।