नई दिल्ली, 02 जनवरी: रेप के खिलाफ बनने वाले नए कानून का नाम दिल्ली गैंगरेप मुतास्सिरा के नाम पर रखे जाने से घर वालो को ऐतराज नहीं है। मुतास्सिरा के घर वालों ने आज बताया कि हुकूमत अगर ऐसा करती है तो ये हमारे लिए एजाज़ की बात होगी।
उन्होंने बताया कि अगर मुतास्सिरा के नाम को आवामी भी किया जाता है तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है। मुतास्सिरा के वालिद और भाई ने बताया कि रेप के खिलाफ बन रहे तरमीम शुदा कानून का नाम अगर उनकी बेटी के नाम पर रखा जाता है तो ये उनके खानदान के लिए इज़्ज़त या एजाज़ की बात होगी।
गौरतलब है कि मंगल के दिन मरकज़ी वज़ीर शशि थरूर ने गैंगरेप की शिकार लडकी को एजाज़ देने के लिए उसका नाम उजागर करने की वकालत की थी। थरूर ने कहा था कि अगर लड़की के वाल्दैन को कोई ऐतराज नहीं हो तो उसका नाम उजागर किया जाना चाहिए।
हालांकि ट्विटर पर उनकी इस तब्सिरे के बाद इसकी ताइद और मुखालिफत में जोरदार बहस छिड़ गई।
बीजेपी ने थरूर के बयान की तंकीद की तो कांग्रेस ने इसे उनकी निजी राय करार देकर पल्ला झाड़ लिया। थरूर के तब्सिरे पर जवाब देने को कहे जाने पर पार्टी तर्जुमान राशिद अल्वी ने मुख्तसर में कहा कि यह उनका ज़ाती ख्याल है
वहीं, कांग्रेस के एक सीनीयर लीडर ने थरूर के तब्सिरे पर गेंद सरकार के पाले में फेंक दी और नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा कि थरूर केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि हुकूमत को इस पर जवाब देने दीजिए। हमें कुछ नहीं कहना।
थरूर ने अपने ट्वीट में हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि लड़की का नाम छिपाए रखने में आखिर क्या मुफाद है। अगर लड़की के वलदैन को ऐतराज न हो तो उसका नाम और पहचान उजागर किया जाना चाहिए, ताकि उसे एजाज़ दिया जा सके। आबरू रेज़ी से जुड़े तरमीम शुदा कानून का नाम उसके नाम पर रखा जाना चाहिए। वह एक इनसान थी, जिसका एक नाम था, न कि सिर्फ एक सिंबल।