लखनऊ: फर्जी एनकाउंटर में मारे गए बेटे के लिए आठ साल से इंसाफ की लडाई लड रहे एक माँ बाप को उनके बदायूं वाके घर में क़त्ल कर दिया गया है । उनके तीन दिन पुरानी लाश ब्रह्मापुर वाके घर में बुध की रात मिली।
बदायूं में रिटायर्ड इंजीनियर बृजेन्द्र गुप्ता और उनकी बीवी सन्नी के बेटे के फर्जी एनकाउंटर में मुल्ज़िम 11 पुलिसवालों में लखनऊ के एसएसपी रह चुके जे. रवींद्र गौड भी शामिल हैं। वह इन दिनों अलीगढ में तैनात हैं। बृजेन्द्र और सन्नी का बेटा मुकुल गुप्ता बरेली की एक कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर था। 30 जून 2007 को फतेहगंज में उस वक्त के एएसपी जे. रवींद्र गौड की अगुवाई में पुलिस ने मुकुल को मुबय्यना मुठभेड में मार डाला था।
ज़ईफ माँ बाप इसे फर्जी मुठभेड बताते हुए इसके खिलाफ लडाई जारी रखे हुए थे।
बनारस की साकिन उनकी बेटी मधु ने बुध के रोज़ शाम में कई बार वालिदैन को फोन किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। मधु ने बदायूं में ही रहने वाले ममेरे भाई मनोज को वालिद के घर भेजा। मनोज ने पाया कि घर दरवाजा बंद था, अंदर से बदबू आ रही थी। उन्होंने पुलिस को खबर दी। दरवाजा तोडने पर पता चला कि रसोई में दोनो जईफ जोड़े की लाश पड़ी हैं।
दोनों के जिस्म पर धारदार हथियार के कई वार थे। जुमेरात की सुबह मधु और दिल्ली से दूसरा बेटे शेखर भी बदायूं आ गए। शेखर की तहरीर पर नामालूम लोगो के खिलाफ मामला दर्ज हो गया है।
बदायूं के एसएसपी सौमित्र यादव ने बताया, यह ब्लाइंड केस है। जांच के लिए पुलिस टीमें बना दी गई हैं। मौका-ए-वारदात से जाहिर है कि दोने का क़त्ल किया गया है । जल्द राज से पर्दा हटा दिया जाएगा।
बेटे मुकुल के एनकाउंटर पर बृजेन्द्र ने अदालत में दर्खास्त डाले थे। कोर्ट के हुक्म पर जे. रवींद्र गौड समेत 11 पुलिसअहलकारों पर फर्जी मुठभेड का केस दर्ज हुआ। हाईकोर्ट के हुक्म पर सीबीआई ने जांच संभाली।
सीबीआई ने मुठभेड को फर्जी करार देते हुए एक मुल्ज़िम सिपाही को जेल भेज दिया और गौड समेत दूसरो के खिलाफ केस चलाने के लिए हुक्मरान से इज़ाज़त मांगी। हुकूमत ने इज़ाज़त नहीं दी। तीन रिमाइंडर दिए जाने के बाद भी इज़ाज़त नहीं मिली। हाईकोर्ट ने इस पर रियासत की हुकूमत पर जून 2014 में 50 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया। बावजूद इसके हुकूमत का रूख नहीं बदला।