नई दिल्ली : दो बेटों ने अपनी 75 साल की मां को जंजीर से चारपाई में बांधकर घर से बाहर गली में डाल दिया। छह महीने से वह सर्दी, गर्मी और बरसात में खुले आसमान के नीचे पड़ी रहतीं थीं। एक बुजुर्ग से मिली खबर के बाद एनजीओ ने पुलिस की मदद से उन्हें बचाया। खातून के दोनों बेटों पर केस दर्जकर उन्हें गिरफ्तार किया गया है, लेकिन जमानती जुर्म होने की वजह से उन्हें साथ-साथ जमानत मिल गई।
यह वाकिया मग़रिबी दिल्ली के नांगलोई में हुई। यहां मेट्रो स्टेशन से किराड़ी जाने वाली सड़क पर कैंप नंबर 2 में मस्जिद के साथ वाली गली से बुध की रात में गुजर रहे एक बुजुर्ग ने बाहर गली में चारपाई पर पड़ी खातून को देखा । उन्होंने देखा कि इस खातून के पैर जंजीर से चारपाई से बांधे गए हैं।
वह रजाई में लिपटी हुई पड़ीं थीं। गली में आसपास कोई नहीं था। यह देख कर उन्होंने एनजीओ धाम चलाने वाले अपने जानकार डॉ. आर. के. मेसी को फोन कर दिया। जुमेरात की सुबह 6 बजे इस बुजुर्ग ने एक बार फिर गली में जंजीर से बंधी खातून को देखकर मेसी को फोन किया।
डॉ. आर. के मेसी ने नांगलोई पुलिस को खबर दी। वह पुलिस को साथ लेकर सुबह मौके पर पहुंचे तो वहां गली में खातून जंजीर में बंधीं मिलीं। जंजीर खुलवाई गई। तहकीकात में पता चला कि ख़ातून का नाम मुन्नी बेगम है। 75 साल की मुन्नी बेगम के शौहर अब्दुल अजीज की मौत हो चुकी है। उनके तीन बेटे हैं अल्ताफ हुसैन, नसीम बाबू (45) और मुहम्मद जाहिद (37)।
पुलिस को जांच के दौरान मालूमात हासिल हुई कि मुन्नी बेगम को नसीम और जाहिद ने बाहर बांधा था। दोनों दिहाड़ी पर सिलाई का काम करते हैं। दोनों को पकड़ लिया गया। उनसे और पड़ोसियों से पूछताछ की गई। उन्होंने बताया कि दोनों भाई अपने खानदान के साथ इस मकान के पहले फ्लोर पर रहते हैं। उनका कहना है कि मुन्नी बेगम की ज़हनी हालत अब पूरी तरह ठीक नहीं है और वह अक्सर अकेली कहीं चली जाया करतीं थीं।
दोनों भाइयों ने अपनी मां को घर से बाहर रखने और जंजीर से बांधकर रखने का फैसला किया। दोनों ने घर से बाहर गली में चारपाई डालकर अपनी मां के पैर में जंजीर का एक किनारा बांधकर दूसरी ओर से जंजीर चारपाई से बांध दी। हालांकि दोनों बेटों का कहना है कि वह दिन में ही मां को बाहर बांध कर रखते थे, लेकिन एनजीओ को फोन करने वाले बुजुर्ग ने रात में और सुबह 6 बजे मुन्नी बेगम को बाहर गली में पड़े देखा था।
नांगलोई पुलिस ने सीनियर अफसरों को इस वाकिया की इत्तेला दी। मामले की नज़ाकत को देखते हुए केस दर्ज करने का फैसला किया गया। मारपीट, जबरन रोकने और कॉमन इंटेशन के तहत आईपीसी की दफआत 323, 342 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज कर नसीम और जाहिद को गिरफ्तार कर लिया गया।
जमानती जुर्म होने की वजह से उन्हें थाने से ही जमानत मिल गई। मुन्नी बेगम की मेडिकल जांच कराने के बाद उन्हें वापस उन्हीं के घर में पहले फ्लोर पर पुलिस ले गई।
पुलिस ने उनके बेटों को हिदायत दी है कि अब वह अपनी मां की ठीक से देखभाल करें और जंजीर से नहीं बांधें। पुलिस को जानकारी मिली है कि मुन्नी बेगम को 6 महीने से गली में बांध गया था। इस दौरान किसी भी पड़ोसी ने पुलिस को खबर नहीं दी थी।