हैदराबाद 2 फरवरी- बेदीन शख़्स ना कभी मिसाली शौहर बन सकता है और ना ही दीन से दूर ख़ातून मिसाली बीवी साबित हो सकती है। क़ुरआन मजीद और सुन्नत रसूल (स०अ०व०)पर अमल करने वाले मर्द और ख़वातीन ही मिसाली शौहर और मिसाली बीवी होने का एज़ाज़ हासिल कर सकते हैं।
इन ख़्यालात का इज़हार इस्लामी यूनीवर्सिटी मदीना शरीफ़ के फ़ारिगुत्तहसील और पीस टी वी के मुस्तक़िल मुक़र्रर नौजवान आलिमे दीन शेख़ सनाउल्लाह मदनी ने जामा मस्जिद फ़तह दरवाज़ा में नमाज़ जुमा से क़्ब्ल ख़ुसूसी ख़िताब में किया। उन्हें सुनने के लिए दूर-दूर से फ़र्ज़ंदान मिल्लत आए हुए थे। मस्जिद ज़ाइद अज़ 3 हज़ार मुस्लियों से भर चुकी थी।
मिसाली मियां बीवी के मौज़ू पर अपने सिलसिला ख़िताब को जारी रखते हुए शेख़ सनाउल्लाह मदनी ने सूरा निसा की आयात की तिलावत की और क़ुरआन और हदीस के हवालों से मुस्लिम शौहर और बीवी के रोल को वाज़ेह किया और बताया कि अगर मियां बीवी एक दूसरे का एहतेराम करें तो ज़िंदगी ना सिर्फ़ ख़ुशहाल बन सकती है बल्कि ख़ानदान में ख़ुशहाली और एक सालेह मुआशरा की तशकील का बाइस भी हो सकती है।
इस सिलसिला में उन्हों ने रोज़नामा सियासत में शाए इस रिपोर्ट का हवाला दिया, जिस में शराबी शौहर के मज़ालिम का शिकार ख़ातून की दर्दनाक कहानी पेश की गई थी। इस ख़ातून के शराबी शौहर ने इस के दोनों हाथ काट दिए हैं।
शेख़ ने कहा कि हमारे प्यारे नबी (स०अ०व०)ने बीवीयों के साथ हुस्नो सुलूक की हिदायत फ़रमाई है। आप (स०अ०व०)का इरशाद मुबारक है बेहतरीन शौहर वो है जिस के अख़लाक़ सब से बेहतर हो। शेख़ सनाउल्लाह मदनी ने मज़ीद कहा कि अगर कोई शख़्स सारी दुनिया में बेहतर समझा जाए लेकिन बीवी की नज़र में वो अच्छा इंसान और बेहतर अख़लाक़ वाला ना हो तो वो हरगिज़ हरगिज़ मिसाली शौहर नहीं हो सकता।
ऐसा शौहर जो बीवी का एहतेराम करे, उस के जज़बात और एहसासात की क़दर करे। उसे हलाल खिलाए। वही शख़्स मिसाली शौहर कहलाने का हक़दार हो सकता है। शेख़ ने ये भी कहा कि अगर कोई शौहर दिन भर मेहनत कर के बीवी बच्चों पर ख़र्च करता है तो वो सदक़ा से बेहतर है।
उन्होंने ने मज़ीद कहा कि शैतान को सब से ज़्यादा ख़ुशी उस वक़्त होती है जब वो किसी मियां बीवी के दरमयान दूरियां तल्ख़ीयां पैदा करने में कामयाब हो जाता है। शेख़ सनाउल्लाह मदनी ने ये भी कहा कि हुज़ूर (स०अ०व०)ने फ़रमाया कि दोज़ख़ में औरतों की तादाद बहुत ज़्यादा होंगी।
उस की एक वजह शौहरों की नाफ़रमानी होगी। नाफ़रमान औरतें जहन्नुम में होंगी। उन्हों ने ये भी कहा कि अल्लाह उस औरत पर रहम की निगाह नहीं डालता जिस का शौहर उस से नाराज़ हो।