बता दें कि दोनों टीमों के बीच बेहद रोमांचक मुकाबला हुआ। बेल्जियम और नीदरलैंड के चारों क्वार्टर का खेल गोलरहित रहा। इसके बाद मुकाबला शूटआउट में गया, जहां बेल्जियम ने नीदरलैंड को 3-2 से हराकर रोमांच जीत दर्ज की। बेल्जियम विश्व चैंपियन बनी, वहीं, नीदरलैंड को सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा। वहीं, ऑस्ट्रेलिया को कांस्य पदक मिला।
इस रोमांचक मुकाबले में बेल्जियम की तरफ से विनसेंट वनाश को मैन ऑफ द मैच से नावाजा गया। वहीं, भारत के मनप्रीत सिंह को बेस्ट सेलिब्रेशन अवार्ड से नवाजा गया। प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट अर्थर वन डोरेन को चुना गया। बेस्ट गोलकीपर का अवार्ड नीदरलैंड के गोलकीपर पिरमिन बलाक को मिला। इसके अलावा गोल स्कोरर ऑफ द टूर्नामेंट बेल्जियम के हैंड्रिक्स और ऑस्ट्रेलिया के बलाक गोवर्स को दिया गया।
विश्व कप पूल सी में बेल्जियम भारत के बाद दूसरे स्थान पर रहा था और क्रॉसओवर खेलकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचा था। दुनिया की चौथे नंबर की टीम नीदरलैंड पिछली बार उपविजेता रही थी, जबकि उसने 1973, 1990 और 1998 में खिताब जीता।
इसके पहले दुनिया की तीसरे नंबर की टीम बेल्जियम ने अपने से चार पायदान नीचे इंग्लैड को हॉकी विश्व कप के बेहद एकतरफा सेमीफाइनल मुकाबले में 6-0 से करारी शिकस्त देकर फाइनल में अपनी जगह पक्की की थी। बेल्जियम ने पहली बार हॉकी विश्व कप के फाइनल में पहुंचा।
वहीं, दूसरी तरफ नीदरलैंड की टीम ने ऑस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल में 4-3 से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। ऑस्ट्रेलिया का कुल चौथी और लगातार तीसरी बार खिताब जीतने का सपना टूट गया, जबकि नीदरलैंड चार बार खिताब जीतने के पाकिस्तान के रिकॉर्ड की बराबरी करने से एक जीत दूर रह गया।