बे-अदब को ख़ुदा भी माफ़ नहीं करता:राजनाथ सिंह

नई दिल्ली 18 जनवरी: मुअम्मर अफ़राद और बुज़ुर्गों की जहां इज़्ज़त नहीं की जाती वहां मुसीबतें आना यक़ीनी है और एसे लोगों को ख़ुदा भी कभी माफ़ नहीं करता। मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला राजनाथ सिंह ने इन ख़्यालात का इज़हार किया और मुल्क में ओल्ड्स होम के क़ियाम को अफ़सोसनाक क़रार दिया। वो मुअम्मर अफ़राद की मदद और उन्हें एज़ाज़ फ़राहम करने के मक़सद से मुनाक़िदा एक तक़रीब से ख़िताब कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि मुल्क के तालीमयाफ़ता और बाशऊर समाज से ये तवक़्क़ो की जा सकती है कि वो अपने मुअम्मर अफ़राद की निगहबानी करेगा। उन्होंने कहा कि मुल्क के लिए ये ज़रूरी है कि वो सुपर पावर बनने की बजाये एक आलमी टीचर (विश्व अग्रव) बने। रामायन की तालीमात का हवाला देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि लार्ड राम के उसूलों को सीखने और अपनाने की ज़रूरत है। उन्होंने कभी उसूलों पर समझौता नहीं किया। यहां तक कि वो अपने वालिद की बात को मलहूज़ रखते हुए 14 साल के लिए जिलावतन हो गए। उन्होंने नौजवानों पर-ज़ोर दिया कि वो क़दीम हिन्दुस्तानी रिवायात और इक़दार को सीखीं ताकि ना सिर्फ ज़ईफ़ अफ़राद की मदद हो बल्कि हिन्दुस्तान को भी ताक़तवर बनाया जा सके। राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्हें ख़ुदाई ताक़त पर पूरा यक़ीन है और वो इस को तस्लीम करते हैं कि माज़ी में किए गए अच्छे या बुरे कामों का ज़िंदगी पर-असर पड़ता है।