हैदराबाद 11 नवंबर:राज्य में बैंकों डाकघरें की दवारा से रद्द किये गए 1000 और 500 के नोटों परिवर्तन और बैंकों में जमा करने के लिए लंबी कतारें देखी गईं। भारत सरकार की ओर से 8 नवंबर की मध्य रात्रि से 1000 और 500 के नोटों का चलन बंद कर दिए जाने के बाद एक दिन बाजार सुनसान रहे लेकिन देश में 1000 के नोटों की वितरण और बैंकों और डाकघरें की दवारा से पुराने नोटों परिवर्तन के दौरान जबरदस्त गहमागहमी देखी गई।
दोनों शहरों और राज्य के विभिन्न जिलों में नोटों परिवर्तन के लिए आधार कार्ड के लिए ज़ीराक्स की दुकानात पर भी काफी भीड़ देखा गया। शहर में कई बैंकों ने 500 रुपये के नोट जारी नहीं किए बल्कि 2000 के नए नोट सुबह की अव्वलीन साअतों से ही बाजार में पहुंचने लगे थे क्योंकि खानगी अंतरराष्ट्रीय बैंकों ने अपने सेवाओं के समय कार में वृद्धि करते हुए जनता को सुविधा पहुंचाने के उपाय कर दिए थे। कई बैंकों के बाहर सुबह 6 बजे से ही लंबी कतारें देखी गईं।
शहर के कुछ बैंकों के अलावा अन्य बैंकों ने लंच के अंतराल के बाद यह घोषणा कीया कि नकदी रक़ूमात समाप्ति के कारण नोटों परिवर्तन की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाएगा इसलिए कुछ बैंक समय से पहले बंद कर दिए गए। नकदी रक़ूमात परिवर्तन के लिए पहुंचने वाले लोगों ने इस बात की शिकायत की है कि बैंक के अधिकारी मुद्रा परिवर्तन के बजाये रक़ूमात दाखिल के लिए पहुंचने वालों पर ध्यान दे रहे थे जिसके कारण उन्हें काफी देर तक इंतेजार करना पड़ा।
बैंक अधिकारियों का कहना है कि नकदी रक़ूमात परिवर्तन के लिए अतिरिक्त काउंटर लगाए गए थे और जमा की वसूली के लिए अनुकूलन सामान्य स्टाफ सेवा दे रहा था। बैंकिंग प्रणाली से अचानक करोड़ों लोगों के एक साथ रखने की कोशिश के कारण यह अड़चनें पैदा हो रही हैं इन समस्याओं को अंदरून एक सप्ताह दूर कर लिए जाने की संभावना जताई जा रही है।