हैदराबाद: बैंकों और ए टी एम में रक़म ना होने के कारण शहरी 10 फ़ीसद कमीशन पर नक़द रक़म ख़रीदने पर मजबूर हो रहे हैं। विशाखापटनम के चौधरी वी करण कुमार जो आई टी कंपनी के कर्मचारी हैं ने कई ए टी एम के चक्कर काटे लेकिन जब उन्हें नाकामी का सामना करना पड़ा तो ऐसी सूरत में उनके एक दोस्त ने मश्वरा दिया कि वो एक-बार में जाये और अपने कार्ड के ज़रीया रक़म हासिल करे लेकिन जब चौधरी ने बार ऐंड रेस्टोरेंट मैनेजर से 1000 रुपय की दरख़ास्त करते हुए उन्हें अपना डीबीट कार्ड दिया तो बार मैनेजर ने किरण को 900 रुपये दिए।
करण सिर्फ एक ऐसा शख़्स नहीं है बल्कि ऐसे कई प्रभावित हैं जो विभिन्न स्थानो पर इस तरह के गै़रक़ानूनी कारोबार और नक़द रक़म की बैचने का निशाना बन रहे हैं और अपनी मेहनत की कमाई से 10 फ़ीसद रक़म से महरूम होने लगे हैं। शराब-ख़ाना या बार रेस्टोरेंट ही नहीं बल्कि कई व्यापारी केंद्र इस गै़रक़ानूनी काम में शामिल हैं और उनके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई करने वाला नहीं है।