नक्सली बैंक में पैसा जमा नहीं कर सकें, इस पर पुलिस अलर्ट

औरंगाबाद :पांच सौ व एक हजार रुपये के नोट को बंद की घोषणा के बाद काला धन रखनेवाले लोगों की तो कमर टूट ही चुकी है. साथ ही लेवी के रूप में नक्सलियों द्वारा वसूले गये रुपये भी अब बेकार हो गये हैं. नक्सली बैंक में पैसा जमा नहीं कर सकें, इस पर पुलिस विशेष निगरानी रख रही है.

गुरुवार को एसपी सत्यप्रकाश ने बताया कि पांच व हजार रुपये के नोट बंद हो जाने के बाद बैंकों में ग्राहकों की भीड़ बढ़ गयी है. इस दौरान विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न नहीं हो, इस पर ध्यान रखते हुए सभी बैंकों में पर्याप्त पुलिस बलों की तैनाती की गयी है. एसपी ने स्वयं गुरुवार को शहर के सभी बैंकों का निरीक्षण किया. इसके अलावे एसडीओ, एसडीपीओ ने भी बैंकों में जाकर सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लिया. जिला मुख्यालय में तीन सौ से अधिक पुलिस जवानों की तैनाती की गयी है. इसके अलावे ग्रामीण इलाकों के बैंकों में भी पुलिस जवान तैनात किये गये हैं.

संबंधित सर्किल इंस्पेक्टर व थानाध्यक्ष लगातार बैंकों की सुरक्षा की निगरानी कर रहे हैं. एसपी ने बताया कि उन्होंने पेट्रोल पंप मालिकों से भी बात की है, साथ ही सरकार के निर्देशों का अनुपालन करने को कहा है. एसपी ने आगे कहा कि जो नक्सली लेवी के रूप में पैसे वसूल कर काला धन जमा किये थे, उन पर पुलिस की विशेष नजर है. बैंक से लेकर नक्सल प्रभावित इलाकों में गुप्तचर को लगाया गया है. इसके अलावे जगह-जगह खुफिया तंत्र को मजबूत किया गया है. नक्सली बैंक में आकर पैसा नहीं जमा करें, उस पर काफी निगरानी रखी जा रही है. साथ ही, जीरो बैलेंस से जो खाता खुलवाये थे और उन खाते में नोट बंद होने के बाद क्या स्थिति है, उस पर भी निगरानी रखी जा रही है. यही नहीं जो लोग बड़ी रकम जमा करेंगे, उनकी आय का श्रोत पूछा जायेगा.

नक्सलियों के विरुद्ध जाल बिछाया गया है. एसपी ने दावा किया है कि कोई भी नक्सली काला धन बैंक में जमा नहीं कर पायेंगे. यहां तक कि जो पैसे रखे हुए थे, अब वे बेकार हो चुके हैं. पांच सौ हजार के नोट बंद हो जाने से नक्सलियों की कमर टूट गयी है. बताते चलें कि नक्सली लेवी के पैसे से ही हथियार खरीदते थे. साथ ही, निजी संपत्ति भी अर्जित करते थे.