बैंक क़र्ज़ वापिस ना करने वालों पर तवज्जे ज़रूरी

नई दिल्ली

बड़े ताजिर 2.60 लाख करोड़ रुपये वाजिब अलादा: सी पी आई

सी पी आई ने आज हुकूमत से मुतालिबा किया कि बैंकों को 2.60 लाख करोड़ रुपये क़र्ज़ वापिस ना करने वाले करज़दावं खासतौर पर कॉरपोरेट घरानों के नामों का इफ़शा करे। पार्टी ने कहा कि हुकूमत को अवाम से एल पी जी सब्सिडी वापिस करने पर ज़ोर देने की बजाय लाखों करोड़ रुपये का क़र्ज़ अदा ना करने वालों के नामों का अफ़शा करना चाहिए।

पार्टी के क़ौमी सैक्रेटरी डी राजा ने कहा कि वज़ीरे आज़म नरेंद्र मोदी को गैर कारकरद असासा जात जैसे संगीन मसले पर तवज्जे देने की ज़रूरत है जो तक़रीबा 2.60 लाख करोड़ रुपये तक के हैं। उन्होंने कहा कि ये कोई छोटी रक़म नहीं है और कॉरपोरेट और बड़े ताजिर इस का बड़ा हिस्सा बैंकों को वाजिब अलादा हैं।

इन ताजिरों ने उम्दा ये क़र्ज़ अदा नहीं किया है क्योंकि यही वो लोग हैं जो हक़ीक़त में सब्सिडी हासिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग सभी जानते हैं कि कॉरपोरेट घरानों ने क़र्ज़ वापिस नहीं किया है। डी राजा वज़ीरे आज़म नरेंद्र मोदी के इस बयान पर रद्द-ए-अमल का इज़हार कररहे थे जिस में उन्होंने बैंकों और सनअती घरानों पर ज़ोर दिया था कि वो अपने मुलाज़मीन को सब्सिडी वाले एल पी जी के इस्तेमाल को तर्क करने की तरग़ीब दें।

सी पी आई लीडर ने कहा कि कॉर्पोरेट्स और बड़े कारोबारियों ने उम्दा बैंकों को क़र्ज़ा जात वापिस नहीं किए हैं जिन्होंने भारी क़र्ज़ा जात हासिल करते हुए बैंकों से सौदेबाज़ी की है। उन्होंने कहा कि वज़ीरे आज़म को चाहिए कि इन कॉर्पोरेट्स और बड़े ताजिरों को क़र्ज़ वापिस करने के लिए तय्यार करना चाहिए।