बैंगलोर अदालत के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में जया ललीता का चैलेंज

नई दिल्ली 02 नवंबर (पी टी आई) चीफ़ मिनिस्टर जया ललीता आज सुप्रीम कोर्ट से रुजू होकर उन के ग़ैर मह्सूब असासा जात केस में 8 नवंबर को दुबारा अदालत के सामने हाज़िर होने उन्हें दी गई बैंगलोर की तहत की अदालत के अहकाम को चैलेंज किया है।

अदालत के फ़ैसले को चैलेंज करते हुए एन् डी ऐम के सरबराह ने अपनी दरख़ास्त मैं इल्ज़ाम आइद किया है कि सुप्रीम कोर्ट की हिदायत के मुताबिक़ वो 20 और 21 अक्टूबर को वो पहले ही अदालत के सामने हाज़िर हो चुकी हैं और उन्हें दुबारा समन नहीं दिया जा सकता।

उन्होंने अदालत से दरख़ास्त की कि सुप्रीम कोर्ट के अहकाम के मुताबिक़ उन्होंने शख़्सी तौर पर ट्रायल कोर्ट में हाज़िरी दी। वो सिर्फ एक मर्तबा हाज़िर हो सकती हैं।

उन्हें दुबारा हाज़िर होने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। ग़ैर मह्सूब असासा जात के केस का मुक़द्दमा बैंगलौर की अदालत में जारी है जिस में इल्ज़ाम आइद किया गया है कि जया ललीता ने अपने दौर-ए-हकूमत के दौरान 1991 और 1996-ए-के दरमयान मुबय्यना तौर पर 66 करोड़ रुपय के ग़ैर मह्सूब असासा जात जमा कर ळी ।

ये केस बैंगलौर की अदालत में ज़ेर दौरान है। सुप्रीम कोर्ट ने ही इस केस को टामलनाडो के बाहर मुंतक़िल किया था। जया ललीता ने ये अंदेशा ज़ाहिर किया था कि अगर तमिलनाडो में उन पर मुक़द्दमा चलाया जाएगा तो उन के साथ इंसाफ़ नहीं होगा क्योंकि रियासत में इस वक़्त डी ऐम के की हुकूमत थी।

जया ललीता ने डी ऐम के पर इल्ज़ाम आइद किया था कि वो झूटे मुक़द्दमात में उन्हें फंसा रही ही। तहत की अदालत ने 21 अक्टूबर को उन्हें हिदायत दी कि वो दुबारा 8 नवंबर को अदालत के सामने हाज़िर हूँ क्योंकि उन से पूछगिछ पूरी नहीं हुई है लिहाज़ा वो दुबारा हाज़िर हूँ।