बैटस्मेनों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने का मांग‌

पाकिस्तानी साबिक़ क्रिकेटर्स ने शारजा के पहले वन्डे में पाकिस्तानी टीम को शर्मिंदगी से दो-चार करने वाले बैटस्मेनों की कारकर्दगी पर सख़्त ब्रहमी का इज़हार किया और उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने का मांग‌ है।

माज़ी के फ़ास्ट बोलर शुऐब अख्तर ने कहा है कि पाकिस्तान टीम की जानिब से ग़ैर ज़िम्मेदारी से खेलने वाले बैटस्मेनों को सबक़ सिखाने की ज़रूरत है ताकि वो इन ग़लतियों को ना दुहराए। अख्तर के मुताबिक‌ अगर इमरान ख़ान जैसे कप्तान होते तो इस टीम के कई खिलाड़ी खराब‌ शॉट्स ख़ल के बाद कप्तान के ख़ौफ़ से ड्रेसिंग रुम नहीं जा सकते थे।

जुनूबी अफ़्रीक़ा के ख़िलाफ़ एक रन से मैच हारने के बाद उन्होंने कहा कि ये खिलाड़ी बार बार गलतियां दुहरा रहे हैं। अठारह बीस साल होगए,पाकिस्तान टीम की हालत नहीं बदली,खिलाड़ियों की कारकर्दगी ने बहुत मायूस किया। उन्होंने मज़ीद कहा कि डर के खेलेंगे तो कभी जीत नहीं सकेंगे। टीम के साबिक़ कप्तान और कोच वक़ार यूनुस ने शारजा वन्डे में हार‌ पर कहा है कि मुझे इस कारकर्दगी से कोई हैरत नहीं हुई है। ये पहली मर्तबा नहीं हुआ है।

कोई भी टीम इस तरह खेल कर जीत नहीं सकती। कई साल से खेलने वाले बैटस्मेनों को कौन बताएगा। सिकन्दर बख़्त ने कहा कि इमरान ताहिर तेज़ गेंदें कररहे थे जिस पर बैटस्मेन बैकफुट पर खेलते हुए आउट होते रहे लेकिन किसी ने बैटस्मेनों को ये नहीं बताया कि फ्रंट फ़ुट पर खेलें। शाहिद आफ़रीदी को मैच ख़त्म करना चाहिए था उन्हों ने ग़ैर ज़िम्मेदारी दिखाई।

साबिक़ कप्तान आमिर सुहैल ने हार‌ का ज़िम्मेदार शाहिद आफ़रीदी को क़रार दिया है। उनका कहना है विकेट मुश्किल ज़रूर थी लेकिन बैटस्मेनों ने ग़ैर ज़िम्मेदारी से बैटिंग की और शाहिद आफ़रीदी ने हद से ज़्यादा ग़ैर ज़िम्मेदारी दिखाई।