वज़ीर बराए देही तरक्कीयात ((Rural Development Minister/ग्रामीण विकास मंत्री) जय राम रमेश ने आज एक अहम ब्यान देते हुए कहाकि मुल्क में कभी कभी ग़ैर ज़रूरी तौर पर शोर-ओ-गुल करते हुए शिकायत की जाती है कि बैत उल-ख़लाओं (शौचालयों) का फ़ुक़दान ( की कमी) है लेकिन हैरत इस बात पर होती है कि मुल्क में गुज़श्ता दस सालों के दौरान जिन बैत उल-ख़लाओं ( शौचालयों) की तामीर अमल में आई है , उन्हें अनाज के गोदामों के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
अख़बारी नुमाइंदों (पत्रकारों) से बात करते हुए उन्हों ने कहाकि गुज़श्ता दस सालों में मुल्क भर में मुतअद्दिद ( कुछ) बैत उल-ख़लाओं (शौचालयों) की तामीर की जा चुकी है लेकिन उन्हें जिस मक़सद के लिए तामीर किया गया था इस के बरअक्स या तो वो मुक़फ़्फ़ल (ताले लगे हुए हैं) रखे गए हैं या उन्हें अनाज के गोदामों के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।