सदर अमरीका बारक ओबामा ने आज इंतिबाह दिया कि न्यूक्लियर हथियारों का ख़तरा एक मुस्तक़िल चैलेंज है कियूं के ये हथियार अब भी मौजूद हें ओर कई ख़तरनाक अज़ाइम रखने वाले इन ख़तरनाक मादों की तलाश में हैं उन्हों ने कहा कि दुनिया की सलामती का इन्हिसार इन इक़दामात पर है जिन का तीन आलमी बिरादरी यहां करेगी ।
न्यूक्लियर सयंत चोटी कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए उन्हों ने कहा कि इस के लिए ज़्यादा वक़्त दरकार नहीं होगा सिर्फ मुट्ठो भर ये माद्दे लाखों बे क़सूर अवाम को हलाक कर सकते हें और ये कोई मुबालग़ा आराई नहीं है बकेल हक़ीक़त है जिस का हमें सामना है । उन्हों ने कहा कि बैन उल-अक़वामी बिरादरी मुसलसल कई इक़दामात गुज़श्ता दो साल के दौरान दुनिया के न्यूक्लियर मादों को महफ़ूज़ करने के लिए कर चुकी है।
इस के बावजूद न्यूक्लियर दहश्तगर्दी अब भी एक इमकानी चैलेंज की हैसियत से बरक़रार है । दुनिया की सलामती का इन्हिसार इन इक़दामात पर है जिन का हम आज यहां ताइन करेंगे । उन्हों ने कहा कि दो साल क़बल पहली न्यूक्लियर से अंत चोटी कान्फ़्रैंस वाशिंगटन मेंमुनाक़िद की गई थी । आलमी क़ाइदीन ने इत्तिफ़ाक़ किया था कि एटमी दहश्तगर्दी एक फ़ौरी और संगीन ख़तरा है।
हम ने इत्तिफ़ाक़ किया था कि दुनिया के न्यूक्लियर मादों के तहफ़्फ़ुज़ को आइन्दा चार साल में मुकम्मल करलिया जाएगा । हम ने ख़ुद को मख़सूस और ठोस इक़दामात का पाबंद बना लिया था ता कि ये मक़सद हासिल किया जा सके । हम ने एक पाएदार और मसर बैन उल-अक़वामी तआवुन की ज़रूरत को महसूस करलिया था हमें उसे ढाँचों की ज़रूरत है
जहां हम मुशतर्का तौर पर तजुर्बा कर सकें जिन के ज़रीया कई तय क़नात की तकमील की जा सकेगी जिस का हम पहले ही वादह कर चुके हैं और इस मसले के तमाम का जायज़ा ले चुके हैं।
बारक ओबामा ने कहाकि गुज़श्ता 2 साल से मुख़्तलिफ़ किस्म के सवालात किए जा रहे हैं । क्या हम अपने तय क़नात सेमुनहरिफ़ हूजाएंगे और अमली एतबार से पाएदार तआवुन करने से गुरेज़ करेंगे ।
आज सियोल में हम इन सवालों का भरपूर जवाब वाशिंगटन में किए हुए वादों की तकमील के ज़रीया दे सकते हैं।