वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी के दौरा अमरीका सेक़ब्ल एक क़दामत पसंद अमरीकी दानिश्वरों की तंज़ीम ने ओबामा इंतेज़ामीया को मश्वरा दिया है कि बैन-उल-अक़वामी बोहरान जैसे इराक़ और शाम के साय हिंद-अमरीका ताल्लुक़ात पर पड़ने ना दिए जाएं। वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी के कामयाब दौरा वाशिंगटन की राह हमवार होचुकी है लेकिन वाईट हाउज़ को इस बात के सिलसिले में चौकस रहना होगा कि दुनिया भर में जारी बैन-उल-अक़वामी बोहरान के साय इस दौरे पर ना पड़ने पाए और हिंद-अमरीका बाहमी ताल्लुक़ात कमज़ोर ना होने पाए।
उन्होंने आला सतही अमरीकी माहिर बराए जुनूबी एशीया से बातचीत करते हुए कहा कि हमख़याल दिफ़ाईशराकत दारों जैसे हिन्दुस्तान को अज़ीम तर एहमियत दी जानी चाहिए क्योंकि अमरीका कईआलमी चैलेंजों का सामना कररहा है। हिंद-अमरीका तआवुन खासतौर पर एहमियत रखता है जबकि बैन-उल-अक़वामी दहशतगर्दी का मुक़ाबला करने का और एशयाए कोचक में मुस्तहकम तवाज़ुन क़ुव्वत बरक़रार रखने का सवाल पैदा होता है।
मोदी के दौरे के मौक़े पर अमरीका को अपने मआशी और तिजारती ताल्लुक़ात को वुसअत देनी चाहिए। जब तक वज़ीर-ए-आज़म फ़राख़दिली के प्रोग्राम की हिमायत से वाबस्ता रहें और दिफ़ाई तआवुन पर ज़ोर देना चाहिए। वज़ीर-ए-दिफ़ा चक हेगल ने अगस्ट में दौरा-ए-हिंद के मौक़े पर जिन इक़दामात का ऐलान किया था इन में पेशरफ़त होनी चाहिए।
लीज़ा कर्ट्स ने कहा कि ये दोनों ममालिक के लिए इंतेहाई अहम है कि दिफ़ाई पस-ए-मंज़र को समझने का मुज़ाहराकरें। जबकि बी जे पी क़ाइदीन इमकान है कि इसका हिसाब किताब हिन्दुस्तान के मुफ़ाद को पेशे नज़र रखते हुए करें और अमरीका से क़ुरबत इख़तियार करें। उन्होंने ये भी निशानदेही की कि हिन्दुस्तान की सरहद चीन से मुत्तसिल है चुनांचे चीनी तसव्वुरात को भी हिन्दुस्तान की ख़ारिजा पालिसी पेशे नज़र रखेगी।
लीज़ा ने कहा कि ओबामा इंतेज़ामीया को जुनूबी एशीया में इन्सिदाद-ए-दहशत गर्दी तहरीकों के साथ दिफ़ाई हम आहंगी इख़तियार करे। उन्होंने कहा कि खासतौर पर अफ़्ग़ानिस्तान में जब तक अमरीकी और नाटो अफ़्वाज तैनात हैं, ऐसे इक़दामात ज़रूरी हैं। अलक़ायदा के सरबराह एमन अलज़वाहरी ने हालियाअर्से में अह्द किया है कि अपना एक जुनूबी एशीया की शाख़ क़ायम करेंगे और दौलत इस्लामीया इराक़ में क़दम जमारही है, इस लिए हिन्दुस्तान और अमरीका को इन्सिदाद-ए-दहशत गर्दी तआवुन को इतना मज़ीद बनाना चाहिए कि माज़ी में कभी नहीं था।
ओबामा और मोदी को इन बढ़ते हुए खतरों का मुक़ाबला करने के लिए तालिबान को अफ़्ग़ानिस्तान में वापिस आने का मौक़ा नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमरीका को मोदी के दौरा के नताइज को अपने हक़ में करना चाहिए ताकि मायूसी का एहसास पैदा ना होने पाए। माज़ी में दोनों ममालिक के ताल्लुक़ात बज़ाहिर पुरामीद तवक़्क़ुआत दोनों ममालिक में पैदा करचुके हैं जिन को यकजहती के ताल्लुक़ात में तबदील किया जा सकता है। ईसी वजह सेदिफ़ाई तिजारत और टैक्नोलोजी के इक़दामात जिन का मक़सद दफ़्तर शाही की रुकावटों को दूर करते हुए दिफ़ाई तआवुन क़ायम करना हो, एहमियत रखते हैं।