बैरूनी जारहीयत से चौकसी ,शाम में मीज़ाईल तजुर्बा और फ़ौजी मश्क़ें

बेरूत 6 दिसमबर (ए पी) अरब ममलकत शाम के सरकारी ज़राए इबलाग़ ने कहा है कि इस मुल़्क की जंगी मश्क़ों का आग़ाज़ होगया है जिस में मीज़ाईल तजुर्बों के इलावा फ़िज़ाई-ओ-बरी फ़ौजी कार्यवाईयों की मश्क़ें की गईं जो हक़ीक़ी जंग जैसी हालत में मुकम्मल की गईं। ये मश्क़ें एक ऐसे वक़्त होरही हैं जब इस मुल्क में हुकूमत के ख़िलाफ़ जारी अवामी ब्रहमी की लहर को कुचलने के लिए फ़ौजी ताक़त के मुबय्यना इस्तिमाल के नतीजा में अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की रिपोर्ट के मुताबिक़ 4000 अफ़राद हलाक होगए हैं और फ़ौजी कार्यवाईयों को रोकने के लिए अरब-ओ-बैन-उल-अक़वामी दबाॶ में इज़ाफ़ा होगया है ।

सरकारी टैलीविज़न चैनल ने आज कहा कि शामी अफ़्वाज की इन मश्क़ों का मक़सदकिसी इमकानी जारहीयत का जवाब देने केलिए मीज़ाईल निज़ाम की तैय्यारी और फ़ौज की चौकसी का तजुर्बा करना था। ये मश्क़ें कल शुरू हुई थीं। सदर बशारुल असद ने अक्तूबर मेंइंतिबाह दिया था कि इन के मुल्क में मग़रिबी ममालिक की किसी मुदाख़िलत की सूरत में सारा मशरिक़-ए-वुसता जल उठेगा। बावर किया जाता है कि शाम के पास ज़मीन से ज़मीन पर हमला करने वाले मीज़ाईलज़ मौजूद हैं जो इसराईल के अंदरूनी इलाक़ों को निशाना बना सकते हैं।