नई दिल्ली: आई ए एस और आई पी एस ओहदेदारों को गैर मिजाज़ रुख़स्त और इजाज़त के बगैर बैरूनी ममालिक में एक माह से ज़ाइद अरसे तक क़ियाम की सूरत में मुलाज़िमत से महरूम होना पड़ेगा। हुकूमत के वज़ाह करदा नए क़वाइद में ये इंतेबाह दिया गया है और बताया कि जो ओहदेदार ज़वाबत-ओ-क़वाइद की पाबंदी नहीं करेंगे उन्हें मुस्तफ़ी तसव्वुर किया जाएगा।
हुकूमत के इल्म में ये बात आई है कि बाज़ ओहदेदार बैरूनी ममालिक में मुफ़व्विज़ा फ़राइज़ अंजाम देने के बाद हिन्दुस्तान वापिस नहीं आरहे हैं। बाज़ ओहदेदार बैरूनी ममालिक में अपने मीआद की तकमील के बाद गैर मिजाज़ रुख़स्त हासिल कर रहे हैं। जिसके पेशे नज़र हुकूमत ने ये इक़दामात किए हैं।
जदीद क़वाइद में बताया गया है कि अगर ऑल इंडिया सर्विस आई ए एस , आई पी एस और आई एफ एस का कोई ओहदेदार मनज़ोरा अय्याम रुख़स्त , मुतालाती दौरा य बैरूनी ममालिक में मुफ़व्विज़ा फ़राइज़ की अंजाम देही के बाद मुसलसल गैर हाज़िर रहते हैं तो एक माह तक इंतेज़ार किया जाएगा। जिसके बाद उन्हें ख़िदमात से सुबुकदोश कर दिया जाएगा।