महाराष्ट्र: पुणे के मोहसिन शेख हत्याकांड में बॉम्बे हाईकोर्ट ने गिरफ्तार किए गए 21 आरोपियों में से तीन को जमानत दे दी है। जिनके नाम हैं विजय राजेंद्र गंभीरे, गणेश उर्फ रंजीत शंकर यादव और अजय दिलीप लालगे। बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस मृदुला भटकर ने यह कहते हुए जमानत दी , ”मोहसिन की इकलौती गलती यह थी कि वह दूसरे धर्म से था। मैं मानती हूं कि बात आरोपियों के पक्ष में जाती है। आरोपियों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। ऐसा लगता है कि धर्म के नाम पर उन्हें उकसाया गया और उन्होंने हत्या कर दी।”
मोहसिन के परिवार ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जाने का फैसला किया है। इस मामले में गिरफ्तार किए गए 21 में से 14 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। जस्टिस भटकर ने बताया कि साल २०१४ में मोहसिन पर किए गए हमले से पहले आरोपियों ने मीटिंग की थी। मीटिंग में धनंजय देसाई ने बाकियों को उकसाया।
धनंजय देसाई के भाषण की बातें यह दिखाने को पर्याप्त है कि उसने धार्मिक भेदभाव के आधार पर भड़काया। इसमें तीन आरोपी हत्या वाली जगह से गिरफ्तार किए गए थे। इसके अलावा देसाई जोकि हत्या में मुख्या आरोपी हैं की जमानत याचिका पांच मार्च २०१५ को हाई कोर्ट द्वारा खारिज की जा चुकी है। जिसके बाद उनके वकील ने जमानत के साथ उन्हें बरी करने की अर्जी भी दी है।