रिम्स में बॉस के नाम से मशहूर हैं डॉ नारायण हांसदा। एक तालिबे इल्म की तरफ से लगाये गये इल्ज़ाम की बुनियाद पर हाइकोर्ट ने उन पर मुकदमा दर्ज करने का हुक्म दिया है। बरियातू थाने में मुकदमा भी दर्ज हो गया है। उन पर तालिबे इल्म से उगाही करने और रंगदारी मांगने का इल्ज़ाम है। मेडिकल ज़राये की मानें, तो अगर उनसे पूछताछ हुई, तो दाखिला से मुतल्लिक़ गड़बड़ी के कई मामले सामने आ सकते हैं। दाखला में गड़बड़ी का मामला 2012 में कई बार बहस का मुद्दा रहा, लेकिन पुलिस ने इस मामले की सही तरीके से तफ़सीश नहीं की थी।
बॉस के नाम से क्यों हैं मशहूर
मेडिकल स्टूडेंट आम तौर पर अपने सीनियर को बॉस बोलते है, लेकिन सुपर बॉस की ज़मरे में कुछ ही तालिबे इल्म आ पाते हैं। सुपर बॉस का दर्जा एमबीबीएस की तालिम में ज्यादा वक़्त गुजारनेवाले तालिबे इल्म को मिलता है। डॉ नारायण हांसदा भी सुपर बॉस की ज़मरे में हैं। उन्होंने भी एमबीबीएस कोर्स पूरा करने में लंबा वक़्त लगाया है। डॉ हांसदा 2001 बैच के एमबीबीएस स्टूडेंट रहे हैं। एमबीबीएस करने के बाद उन्होंने हाउस सजर्नशिप भी रिम्स से की है।
हॉस्टल में रहते हैं सुपर बॉस
डॉ हांसदा रिम्स हॉस्टल में अभी भी रहते हैं, जबकि एमबीबीएस और हाउस सजर्नशिप की पढ़ाई पूरी करने के बाद मेडिकल स्टूडेंट को हॉस्टल छोड़ना पड़ता है। रिम्स इंतेजामिया के ढुलमूल रवैये की वजह से ऐसे तालिबे इल्म लंबे वक़्त तक हॉस्टल में जमे रहते हैं।