बोको हराम द्वारा विस्थापित कैंप में रह रहे लोग पैसे के अभाव में ले रहे वस्तु विनिमय का सहारा

मैदुगुरी (नाइजीरिया) : नाइजीजिरिया के बाकासी कैंप जहां बोको हराम द्वारा आंतरिक रूप से विस्थापित हुए नाइजीरियाई लोग रहते हैं इस शिविर में कैश को चलन नहीं के बराबर है और ये लोग इसका विकल्प खोज लिए हैं – वस्तु विनिमय प्रणाली जी हां जब किसी एक वस्तु या सेवा के बदले दूसरी बस्तु या सेवा का लेन-देन होता है तो इसे वस्तु विनिमय कहते हैं। जैसे एक गाय लेकर 10 बकरियाँ देना। इस पद्धति में विनिमय की सार्वजनिक इकाई (अर्थात मुद्रा, रूपये-पैसे)
का इस्तेमाल नही किया जाता।

21,000 से अधिक नाइजीरियाई लोगों के लिए धन का विकल्प वस्तु विनिमय प्रणाली बन गया है, जो देश के पूर्वोत्तर में धूल भरे आईडीपी शिविर में रह रहे हैं। उमरू उस्मान कास्की ने कहा, हम पैसे नहीं लेते, यही कारण है कि हम ऐसा करते हैं, उन्होंने कहा कि उनके परिवार के आठ लोगों के समर्थन के लिए लगभग 50 नायर ($ 0.139) के ज्वार का एक छोटा सा बंडल व्यापार करने की उम्मीद है।

हालांकि बहुत से लोग पैसे पसंद करेंगे, बोको हरम आंदोलन के पूर्व गढ़ मैगुगुरी में नकद वितरण खतरे से भरा है।बोको हराम का विद्रोह 2009 में शुरू हुआ था, 2013 में संघर्ष के परिणामस्वरूप 1,000 से अधिक लोग मारे गए 2014 में 10,8 9 लोगों की मृत्यु के साथ हिंसा में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई। 2014 में, पड़ोसी कैमरून, चाड, और नाइजर के पड़ोसी में विद्रोह फैल गया और यह एक प्रमुख क्षेत्रीय संघर्ष बन गया। नाइजीरिया के मुस्लिम और ईसाई समुदायों के बीच धार्मिक हिंसा के लंबे समय से चलने वाले मुद्दों के संदर्भ में विद्रोह हुआ। बोको हराम को दुनिया के सबसे घातक आतंकवादी समूह कहा गया है। संयुक्त राष्ट्र ने स्थिति को दुनिया के सबसे खराब मानवतावादी संकटों में से एक कहा है.

इस संगठन को इस्लामिक स्टेट्स वेस्ट अफ्रीका प्रांर्विस. (आइएसडब्लूएपी) के नाम से भी जाना जाता है नाइजीरिया स्थित इस इस संगठन का आतंक उत्तरी अफ्रीका के देशों में है। वर्ष 2014 में इस संगठन ने अपने हमलो में दोगनी वृध्दी की इसकी बढ़ती शक्ति का आंकडा इसी से लगाया जा सकता है कि आतंकी घटनाओँ में मरने वाले लोगो की संख्या के लिहाज से वर्ष 2013 में नाइजीरिया पांचवें स्थान पर था, लेकिन वर्ष 2014 में यह दूसरे स्थान पर पहुंच गया।
अन्य आंतकी संगठनो से प्रशिक्षण मिलने के बाद समूह ने विस्फोटको और बमोँ का इस्तेमाल भी शुरु कर दिया, बैसे मशीनगनो के इस्तेमाल से सामूहिक कत्लेआम इसकी विशिष्ट पहचान रही है।

इंस्टीट्युट फार इकोनामिक एंड पीस द्वारा जारी वैश्विक आतंवाद सुचकांक के आनुसार वर्ष 2014 में आईएसआईएस ने 11.872 लोग हताहत किये जबकी दुसरे स्थान पर रहा बोको हराम संगठन ने 8386 लोगो की हत्या की जिसमें बच्चे तथा वृध्द और युवा सम्मिलित है.  इस संकट के लिए कई लोग भी चिंतित हैं कि नजदीकी भविष्य में गंभीर आर्थिक संभावनाओं के साथ, लाखों लोग इसी सहायता पर निर्भर रहेंगे।