शाही इमाम मस्जिद फ़तह पूरी दिल्ली मुफ़्ती मुहम्मद मुकर्रम अहमद ने आज जुमा की नमाज़ से क़बल ख़िताब में मुसलमानों को ताकीद की कि वो माह रजब में ज़्यादा से ज़्यादा इबादत, तिलावत और नफ़ली नमाज़ों और रोज़ों का एहतिमाम करें।
उन्होंने कहा कि रजब का महीना शुरू होते ही दुआ फ़रमाते थे। ए अल्लाह हमें रजब और शाबान में बरकत अता फ़र्मा और हमें रमज़ान तक पहुंचा। शाही इमाम ने वज़ीर-ए-आज़म डाक्टर मनमोहन सिंह से पुरज़ोर अपील की कि हिंदुस्तान के मुसलमानों को तहफ़्फ़ुज़ और इंसाफ़ फ़राहम किया जाये और उनकी बेचैनी को दूर किया जाये।
उन्होंने कहा कि ये भी एक तारीख़ी हक़ीक़त हैकि मुसलमानों ने हिंदुस्तान की तरक़्क़ी और ख़ुशहाली में सब से ज़्यादा बढ़ चढ़ कर ख़िदमात अंजाम दी हैं और अभी तक वो अपने वतन के लिए हर ख़िदमत के लिए हरवक्त तैयार हैं लेकिन आज़ादी के बाद से आज तक हुकूमतों का रवैया उनके साथ मुंसिफ़ाना नहीं रहा।
बेक़सूर मुस्लिम जवानों की गिरफ़्तारी बराबर जारी है। दो रोज़ क़बल पटना से एक तालीम-ए-याफ़ता मुस्लिम नौजवान यासिर को गिरफ़्तार किया गया है जो जय पुर के इंजीनियरिंग कॉलेज के फाईनल इयर का तालिब-ए-इल्म है। इसी तरह और भी बेक़सूर तालीम-ए-याफ़ता मुस्लिम नौजवान गिरफ़्तार करके जेलों में डाले गए जिसकी वजह से तालीम-ए-याफ़ता मुस्लिम नौजवानों में ख़ौफ़-ओ-हिरास है और उनके वालदैन को उसकी कोई ख़बर तक नहीं की गई।
पुलिस और ए टी एस शक-ओ-शुबा की बुनियाद पर बगै़र ठोस सबूत के गिरफ़्तार करलेती है बाद में सालों की तकलीफ़ के बाद बहुत से मुस्लिम नौजवान अदालत से रिहा किए जा चुके हैं जिस का मतलब ये हैकि पुलिस उनके ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं पेश करसकी और ग़लत ख़बरों की बुनियाद पर उन्हें गिरफ़्तार किया गया था।
उन्होंने कहा कि बम धमाकों की तहक़ीक़ात आज़ादाना और ग़ैर जानिब्दाराना होनी चाहिए। शाही इमाम ने आसाम के बक्सा, कोकराझार और चराइंग इलाक़ों में बोडो इंतिहा-ए-पसंदों के हाथों मुसलमान औरतों और बच्चों के क़तल-ए-आम की मुज़म्मत की जो एक हफ़्ता क़बल वाक़ियात पेश आए और सैंकड़ों मुसलमान अपने गांव छोड़कर रीलीफ़ कैम्पों में पनाह ले चुके हैं।
बोडो शिद्दत पसंदों ने इलेक्शन में बोडो को वोट ना देने का बदला लिया। दो साल में आसाम में ये दूसरा संगीन वाक़िया है। वहां की हुकूमत नाकाम होचुकी है। शाही इमाम ने डाक्टर मनमोहन सिंह, वज़ीर-ए-दाख़िला और श्रीमती सोनिया गांधी से पुरज़ोर अपील की कि क़सूरवारों को सख़्त सज़ा-ए-दी जाये और मुसलमानों को तहफ़्फ़ुज़ फ़राहम किया जाये और भरपूर मुआवज़े दिए जाय और आसाम में कोई फ़र्ज़शनास वज़ीर-ए-आला मुक़र्रर किया जाये।
शाही इमाम ने अमीत शाह को सी बी आई की तरफ़ से क्लीनचिट दिए जाने पर शदीद हैरत का इज़हार किया। उन्होंने कहा कि इशरत जहां इंकाउंटर केस 2004 के इलावा कितने मुआमलात हैं जिन में अमीत शाह मुलव्वस हैं और वज़ीर-ए-क़ानून कपिल सिब्बल ने मीडिया के सामने इस सिलसिला में काफ़ी सबूत रखे थे। इस तहक़ीक़ात पर नज़रसानी की ज़रूरत है। मुफ़्ती मुकर्रम ने डाक्टर मनमोहन सिंह से मुसलमानों को इंसाफ़ दिलाए जाने की अपील की।