गया 08 जुलाई: बिहार के बोध गया मंदिर काम्प्लेक्स में सिलसिले वार धमाकों में मोइस्ट के मुलव्वस होने का इमकान है पुलिस ओहदेदारों ने कहा कि अलक़ायदा या इंडियन मुजाहिदीन का इन हमलों में कोई ख़ुसूसी मुफ़ाद नहीं होसकता।
पड़ोसी इलाके बुद्धिस्ट माइनमार में किचेन और कारेन बाग़ीयों के साथ मुहाज़ी ताल्लुक़ात रखने वाले बोध गया को निशाना बना सकते हैं सेंट्रल एजेंसीयों में इन हमलों के पीछे इंडियन मुजाहिदीन के मुलव्वस होने का वाज़िह इशारा दिया है लेकिन मोइस्टें से मुतास्सिरा अज़ला में तायुनात सुपरिन्टेन्डेन्ट पुलिस ने कहा कि इस तरह के हमले करने का फ़ैसला मोइस्ट ही करसकते हैं।
इस के लिए तमाम वजूहात मौजूद हैं। ख़ासकर गया इलाके सुर्ख़ सरगर्मीयों का गढ़ माना जाता है। गया झारखंड सरहदी इलाक़ों में पुलिस की तवज्जा हटाने के लिए ये कार्रवाई की जा सकती हैं।
झारखंड से मुत्तसिल ज़िले में भी मोइस्ट सरगर्म हैं। पिछ्ले हफ़्ते ही गया पुलिस ने नक्सलाईटस स्क्वाड को निशाना बनाने के लिए सी आर पी एफ़ के कोबरा बटालियन के साथ मिलकर यहां कैंप क़ायम किया था।
ताहम इंडियन मुजाहिदीन के कारकुनों को गिरफ़्तार करके पूछगिछ की गई है। हिन्दुस्तान के मुख़्तलिफ़ हिस्सों से गिरफ़्तार करदा इंडियन मुजाहिदीन कारकुनों ने बोध और बिहार के दुसरे मज़हबी मुक़ामात पर हमले करने के मंसूबे का इन्किशाफ़ किया है।
9 कम शिद्दत के सिलसिले वार बम धमाके आज शहरा आफ़ाक़ शहर बोध गया में महाबोधि मंदिर को निशाना बनाकर किए गए ये मंदिर बुधमत के मंदिरों में से एक है।
अली उल-सुबह इन धमकों से दो राहिब ज़ख़मी होगए। मंदिर और बुध दरख़्त जिस के नीचे महात्मा गौतमबुद्ध को समझा जाता हैके निर्वाण हासिल हुआ था किसी भी नुक़्सान से महफ़ूज़ रहा लेकिन इन धमाकों से पूरा क़स्बा दहल कर रह गया जहां श्रीलंका चीन जापान और पूरे जुनूब मशरिक़ी एशीया से बुधमत के पैरै आते हैं।
मंदिर और अतराफ़-ओ-अकनाफ़ के इलाक़ों की हिफ़ाज़त में शिद्दत पैदा करदी गई है। डी जी पी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सी सी टी वी से मौसूला तस्वीरों का जायज़ा लिया जा रहा है ताके दहश्तगरदों का पता चलाया जा सके।
ये बम धमाके अपनी नौईयत के अव्वलीन धमाके हैं जो यूनेस्को के तहज़ीबी विरसा के हामिल मुक़ाम पर 5.30 और 5.58 बजे सुबह के दरमयान किए गए।
धमाके टाइम बमों से किए गए थे ताहम किसी ग्रुप ने इन हमलों की हनूज़ ज़िम्मेदारी कुबूल नहीं की है। मर्कज़ी और रियास्ती हुकूमतों ने इन हमलों को दहश्तगर्द हमले क़रार दिया है हालाँके ये इलाके मोइस्ट का मुस्तहकम गढ़ है। 4 धमाके मंदिर के अहाते में किए गए जबकि 3 धमाके करमापा राहिबों की क़ियामगाह में हुए एक धमाका मशहूर 80 फ़ीट बुलंद गौतमबुद्ध के मुजस्समे के क़रीब किया गया जो चौराहे पर नसब है।
मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि दो कारआमद बम नाकारा बना दिए गए हैं जो क़स्बा से दस्तयाब हुए थे। तीसरा बम एक सीलंडर के नीचे पोशीदा था जिसे धमाकों के कई घंटों बाद एक क़रीबी देहात से बरामद करके नाकारा कर दिया गया ।
चीफ़ मिनिस्टर बिहार नतीश कुमार पटना से फ़ौरी बोध गया पहूंच गए और उन्होंने मर्कज़ी सनअती सयानत फ़ोर्स की मंदिर के पास तायुनाती का मुतालिबा क्या।
सिलसिला वार बम धमाके सख़्त तरीन मज़म्मत के मुस्तहिक़ हैं। क्यूंकि ये एसे मज़हब के मंदिर के क़रीब किए गए हैं जिन का मक़सद बुध मत के करोड़ों पैरो में दहश्त फैलाना है।
चीफ़ मिनिस्टर बिहार नतीश कुमार ने एक प्प्रेस कांफ्रेंस में ये तबसरा किया। सदर जमहूरीया परनब मुकर्जी और वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने बम धमाकों की शिद्दत से मज़म्मत करते हुए कहा कि मज़हबी मुक़ामात पर एसे हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ।
हमलों का निशाना महाबोधि मंदिर अवाम के लिए बंद कर दिया गया है। ताहम मंदिर में पूजा अर्चना जारी है। धमाके से दो राहिब ज़ख़मी होगए।
ताहम दवाख़ाना के बयान के बमूजब उनकी हालत ख़तरे से बाहर है। इस मुक़ाम पर हमले की ख़बर मुबयना तौर पर मर्कज़ की तरफ से पहले ही रियासत बिहार को देदी गई थी।
ताहम इस के बावजूद हमला कामयाब रहा। पुलिस सिर्फ़ मंदिर के बाहर तायुनात है। धमाकों से बुध दरख़्त और मंदिर के गर्भगृह को कोई नुक़्सान नहीं पहूँचा ।रियास्ती हुकूमत ने मंदिर और अतराफ़-ओ-अकनाफ़ के इलाक़ों के हिफ़ाज़ती इंतेज़ामात में शिद्दत पैदा करदी है।