बोध ख़ानक़ाह को पोलिंग बूथ बनाने पर राहिबों को एतराज़

इलेक्शन कमीशन के एक फ़ैसला ने यहां के बोध राहिबों को मुश्तइल कर दिया है क्योंकि एक 117 साल पुरानी बोध ख़ानक़ाह को इलेक्शन कमीशन ने पोलिंग बूथ में तबदील कर दिया है। बू बाज़ार इलाक़ा में वाके बोध ख़ानक़ाह बूधा धर मन्कूर सभा में एक छोटा स्कूल भी चलाये जाता है लेकिन 12 मई को होने वाले राय दही के लिए इस मुक़ाम को पोलिंग बूथ में तबदील कर दिया गया है।

इस मौके पर ख़ानक़ाह के जनरल सेक्रेटरी हीमनदो बिकाश चौधरी ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि इलेक्शन कमीशन ने हमें हिदायत की है कि ख़ानक़ाह को पोलिंग के लिए दस्तयाब रखा जाये। ये एक छोटा सा स्कूल है जो ख़ानक़ाह के अंदर वाके है। एक मज़हबी मुक़ाम के अंदर राय दही क्योंकर की जा सकती है।

मस्जिद या मंदिर में पोलिंग बूथ नहीं बनाया जाता तो फिर बोध ख़ानक़ाह में क्योंकर बनाया जा सकता है? हम ने इस सिलसिले में इलेक्शन कमीशन से शिकायत की है और यहां तक कि चीफ़ इलेक्ट्रॉल ऑफीसर सुनील गुप्ता चौधरी से मुलाक़ात भी की है। ताहम कोई फ़ायदा नहीं हुआ। जो फ़ैसला होगया वही बरक़रार है।

अफ़सोस की बात ये है कि हमें ये हिदायत भी की गई हैकि 14 मई को भी ख़ानक़ाह को दस्तयाब रखा जाये जो बोध पुर्नीमा का दिन है जो मुल्क का एक बड़ा तहवार है। अगर दुबारा राय दही का हुक्म जारी हुआ तो वो 14 मई को होगी। ख़ानक़ाह जो कोलकता की क़दीम तरीन बोध ख़ानक़ाह है, में 14 मई को बोध पुर्नीमा तक़रीबात मंसूख़ करने के इलावा हुक्काम के पास कोई और मुतबादिल नहीं है।