बोनस को लेकर मुलाज़िमीन में मायूसी

जमशेदपुर: टाटा कमिंस में बोनस बातचीत अबतक शुरू नहीं होने से मुलाज़िमीन में मायूसी है। बोनस को लेकर यूनियन की तरफ से बातचीत शुरू नहीं होने की वजह से यूनियन में तनाज़ा है। कमेटी मेंबर का इंतिख़ाब हुए तीन माह हो गया, लेकिन अब तक ओहदेदारों का सलेक्शन नहीं हो सका है। आपसी तनाज़ा व कमेटी मेंबरों की तादाद इस तरह है कि ओहदेदारों समेत दीगर अफसरों का सलेक्शन नहीं हो सका है। वज़ीर ओहदे को लेकर साबिक़ वज़ीर सुशील श्रीवास्तव व अरुण सिंह के दरमियान जिच कायम है।

मुलाज़िमीन की मानें, तो ओहदे की लालच की वजह से ओहदेदारों का सलेक्शन नहीं हो पा रहा है। इससे मुलाज़िमीन को नुकसान हो रहा है। बोनस को लेकर तीन ऑप्शन इंतेजामिया के सामने है।

पहला-बोनस फॉर्मूला पहले से ही बना हुआ है अौर उसके मुताबिक जो रकम बन रही है वह मुलाज़िमीन के बैंक खाते में मैनेजमेंट भेज दे बाद में दस्तखत करवा ले। दूसरा- सदर राजेंद्र सिंह से बोनस बातचीत कर बोनस की रकम मुलाज़िमीन के बैंक खाते में भेज दे। तीसरा- सभी 19 कमेटी मेंबरों के साथ मैनेजमेंट बोनस बातचीत कर उसे मुयहिदे की शक्ल दे। (2005-06 में यूनियन की ऐसी ही सुरते हाल थी अौर मैनेजमेंट ने यही इस्तेमाल किया था।